बिकरू कांड: फरारी के बाद अमर दुबे को मदद पहुंचाने वाला भी गिरफ्तार, पूछताछ में कुबूल किया सच
दो जुलाई 2020 को आठ पुलिस वालों की हत्या करने के बाद विकास दुबे भतीजे अमर दुबे और पड़ोसी प्रभात मिश्रा के साथ फरार हुआ था। पिछले दिनों एसटीएफ ने विकास दुबे के हथियार मध्य प्रदेश में बेचने की कोशिश कर रहे गिरोह को दबोचा तो पूरी कहानी सामने आई।
कानपुर, जागरण संवाददाता। बिकरू कांड के बाद फरार हुए कुख्यात विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे को मदद करने वाले आरोपित विकास यादव को लंबे समय बाद पनकी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विकास की पहचान पिछले दिनों तब हुई थी, जब एसटीएफ ने विकास के हथियार बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था।
दो जुलाई 2020 को बिकरू में आठ पुलिस वालों की हत्या करने के बाद कुख्यात विकास दुबे भतीजे अमर दुबे और पड़ोसी प्रभात मिश्रा के साथ फरार हुआ था। पिछले दिनों एसटीएफ ने विकास दुबे के हथियार मध्य प्रदेश में बेचने की कोशिश कर रहे गिरोह को दबोचा तो फरारी की पूरी कहानी सामने आई। पता चला था कि वारदात को अंजाम देकर विकास और उसके साथियों ने कानपुर देहात के क्षेत्रों में पनाह ली थी। इंसपेक्टर पनकी अंजन कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि एक समय विकास दुबे, अमर व प्रभात सुरक्षा कारणों से कानपुर देहात में अलग-अलग हो गए थे। अमर ने कानपुर देहात के करियाझाला गांव में शरण ली थी। अमर दुबे करियाझाला गांव में संजय परिहार के बगीचे में आकर पुत्तू मिश्रा के ट््यूबवेल पर आकर रुका था। उसे यहां तक राधे अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर लाया था। राधे को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ में कानपुर देहात में रसूलाबाद के यादव नगर निवासी विक्की यादव उर्फ विकास यादव का नाम सामने आया था। इंस्पेक्टर के मुताबिक तब से विकास की तलाश थी। वह पहचान बदलकर फजलगंज थाना क्षेत्र के दर्शनपुरवा में रह रहा था। सूचना पर पुलिस ने विकास यादव को पकड़ लिया। पूछताछ में विकास ने खाने पीने की व्यवस्था में सहयोग देने की बात कुबूल कर ली है। इस प्रकरण में अभी दो और आरोपित फरार हैं। विकास को गिरफ्तार करने वाली टीम में सब इंस्पेक्टर रिंकू कुमार, हेड कांस्टेबल अमरेश कुमार, सिपाही जयवीर सिंह शामिल रहे।