बिकरू गांव: 26 जनवरी को गणतंत्र का वंदन करके लोकतंत्र फिर से मुस्कुराने को तैयार

बुजुर्ग ओमप्रकाश ने बताया कि बउवा उनका छोटा बेटा था। उसकी शादी नहीं हुई थी। उसका बंदूक का लाइसेंस विकास ने ही बनवाया था। वह हमेशा उसकी सुरक्षा में रहता था। बड़ा बेटा विपिन पत्नी गौरी व बच्चों के साथ दिल्ली में नौकरी करता है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 01:02 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 01:02 PM (IST)
बिकरू गांव: 26 जनवरी को गणतंत्र का वंदन करके लोकतंत्र फिर से मुस्कुराने को तैयार
एसटीएफ ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे व उसके पांच गुर्गों को मार गिराया था

कानपुर, जेएनएन। मुठभेड़ में मारे जा चुके दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के गांव बिकरू में मकर संक्रांति पर मातमी सन्नाटा पसरा रहा। दुर्दांत के कुनबे समेत ग्रामीणों के अंदर उसके किए कर्मों की टीस साफ तौर पर झलकी। अब यहां 26 जनवरी को गणतंत्र का वंदन करके लोकतंत्र फिर से मुस्कुराने को तैयार है। ग्रामीण श्रीमद्भागवत कथा सुनकर नई जिंदगी शुरू करेंगे। इसकी तैयारियां चल रहीं हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण की टीम बिकरू पहुंची तो कुछ लोग ही लोग घरों से बाहर दिखे। उनके भी चेहरों पर अजीब सी खामोशी के भाव नजर आए। पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके विकास दुबे, उसके गुर्गों के हंसते-खेलते परिवारों की तबाही हर गली ने बयां की। ग्रामीण शातिर के कर्मों को लेकर मिली बदनामी से आहत दिखे। विकास के पड़ोसी इटावा में मुठभेड़ मे मारे गए प्रवीण ऊर्फ बउवा दुबे के माता-पिता ने घर की बर्बादी के लिए हिस्ट्रीशीटर विकास को ही जिम्मेदार ठहराया।

बुजुर्ग ओमप्रकाश ने बताया कि बउवा उनका छोटा बेटा था। उसकी शादी नहीं हुई थी। उसका बंदूक का लाइसेंस विकास ने ही बनवाया था। वह हमेशा उसकी सुरक्षा में रहता था। बड़ा बेटा विपिन पत्नी गौरी व बच्चों के साथ दिल्ली में नौकरी करता है। घटना के बाद फैली बदनामी के कारण वह अब तक गांव नहीं लौटा है। मां पूर्णिमा ने बताया कि विकास के अपराधों की सजा उनके परिवार को भुगतनी पड़ी। मुठभेड़ में मारे गए अमर दुबे की दादी ज्ञानवती ने बताया कि उनका तो पूरा परिवार ही बर्बाद हो गया। बेटा संजू और बहू जेल में है, जबकि नाती को पुलिस ने मार दिया। अब वह घर पर अकेली जिंदगी के दिन गिन रहीं हैं। अतुल दुबे के घर पर ताला बंद मिला, उसका बेटा वितुल भी जेल में है। दुर्दांत के मकान के ठीक सामने रहने वाला प्रभात भी अपने घर का अकेला था। उसकी याद करके बुजुर्ग दादी बिलख पड़ीं। बताया कि बेटा राजेंद्र भी जेल में है। ग्रामीणों ने कहा कि 26 जनवरी से गांव में श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत होगी। अभी घटना के बाद से गांव में कोई भी त्योहार ठीक ढंग से नहीं मनाया गया है। उल्लेखनीय है कि दो जुलाई की रात दबिश के दौरान सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद बिकरू कांड से पूरा देश दहल उठा था। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे व उसके पांच गुर्गों को मार गिराया था।

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