Big Scam: कानपुर में 12 हजार मुर्दों को भेजी गई पेंशन, अब वापस लेने की तैयारी कर रहा विभाग

कानपुर में शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में अपात्रों को धन बांटने के घोटाले के बाद पेंशन योजना में गड़बड़ी सामने आई है। विधवा और वृद्धा पेंशन योजना के अपात्र लाभार्थियों के अलावा मृतकों को धनराशि जारी कर दी गई।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:59 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 08:59 AM (IST)
Big Scam: कानपुर में 12 हजार मुर्दों को भेजी गई पेंशन, अब वापस लेने की तैयारी कर रहा विभाग
धन वापसी के लिए नोटिस भेजने की तैयारी है।

कानपुर, जेएनएन। विधवा, वृद्धा और दिव्यांग पेंशन के मृतक लाभार्थियों के खाते से पेंशन राशि वापस मंगाई जाएगी। अपात्रों से भी वसूली होगी, इसके लिए सभी को धनराशि वापस करने का नोटिस दिया जाएगा। ये धनराशि वापस नहीं करेंगे तो आरसी जारी की जाएगी, जिन मृतकों के परिजनों ने पेंशन की राशि बैंक से निकाल ली होगी, उनसे वापस करने को कहा जाएगा। इसका चार्ट भी बनेगा कि किस मृतक के खाते से कितनी राशि वापस आनी है और अपात्र कितनी राशि वापस करेंगे।

शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में हुए घोटाले के बाद अब समाज कल्याण विभाग, प्रोबेशन विभाग और दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग अफसर सतर्क हो गए हैं। उनकी कोशिश है कि लाभार्थीपरक योजनाओं में किसी अपात्र को लाभ न मिले, जिन्हें मिला है उनसे राशि वापस ले ली जाए। कानपुर मंडल में वृद्धावस्था पेंशन योजना के 10546, विधवा पेंशन की 1155 और 349 दिव्यांग पेंशन धारकों की मौत हो चुकी है। यानी 12050 लाभार्थियों की मौत हो चुकी है, 825 अपात्र पाए गए हैं। विभाग की ओर से हर छह माह में पेंशन की राशि खाते में भेजी जाती है। किस्त भेजने से पहले सत्यापन होता है। बता दें कि योजनाओं के तहत पांच सौ रुपये की पेंशन दी जाती है। फिलहाल समाज कल्याण विभाग कानपुर ने 182 मृतकों के परिजनों से 3.20 लाख रुपये की वसूल लिए हैं।

किस योजना में कितने अपात्र मिले

जिला- वृद्धा- विधवा- दिव्यांग

कानपुर नगर 02 31 08

कानपुर देहात 33 01 02

फर्रुखाबाद 117 54 09

इटावा 32 21 00

औरैया 00 41 04

कन्नौज 441 00 29

प्रोबेशन विभाग कराएगा मुकदमा

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में 17 अपात्रों को पात्र करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध प्रोबेशन विभाग मुकदमा दर्ज कराएगा। पहले मुकदमा कराने की जिम्मेदारी एसडीएम सदर ने तहसीलदार को दी थी, लेकिन तहसीलदार ने उन्हें बताया कि जिस विभाग की योजना है मुकदमा नियमत: उसे ही दर्ज कराना चाहिए। ऐसे में तय किया गया कि अब प्रोबेशन विभाग ही मुकदमा कराएगा। विभाग दोषियों के नाम की सूची तैयार कर रहा है।

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