Big Scam: गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी घोटाले में यूपीसीडा में बड़ी कार्रवाई, लेखा लिपिक बर्खास्त

ट्रोनिका सिटी में निर्माण कार्यो के लिए 39 बांड बनाए गए थे और बिना काम कराए ही ठेकेदारों को 22.97 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान कर दिया गया था महालेखा परीक्षक एवं नियत्रंक की जांच में मामला सामने आया गया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 10:51 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 10:51 AM (IST)
Big Scam: गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी घोटाले में यूपीसीडा में बड़ी कार्रवाई, लेखा लिपिक बर्खास्त
कानपुर में हैं उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण कार्यालय।

कानपुर, जेएनएन। उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीसीडा अबतक की बड़ी कार्रवाई सामने आई है, सीईओ मयूर महेश्वरी ने ट्रोनिका सिटी घोटाले में आरोपित लेखा लिपिक को बर्खास्त कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद से अन्य कर्मचारियों में भी खलबली मच गई है। अभी घोटाले में कई और लोग भी रडार पर हैं।

क्या था मामला

वित्तीय वर्ष 2006-07 में गाजियाबाद में औद्योगिक क्षेत्र ट्रोनिका सिटी में निर्माण कार्यो के लिए 39 बांड बनाए गए थे। इन कार्यों के लिए ठेकेदारों को 22.97 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान कर दिया गया था, जबकि ठेकेदारों ने वहां कोई कार्य नहीं किया था। जांच के दौरान मौके पर निर्माण सामग्री भी नहीं मिली थी थी। मामले में तत्कालीन मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा समेत कई अभियंताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था और जांच एसआइटी को सौंप दी गई थी।

लेखा लिपिक पर था मुख्य आरोप

ट्रोनिका सिटी के इस घोटाले में लेखा लिपिक आरके सैनी पर आरोप था कि भुगतान के लिए आने वाली फाइलों का परीक्षण ही नहीं किया। ट्रोनिका सिटी में तैनात अफसरों द्वारा भेजी गई वैसी ही फाइल टिप्पणी के साथ भुगतान के लिए आगे बढ़ा दी। यह घोटाला उसी समय पकड़ में आ गया था। भारत के महालेखा परीक्षक एवं नियंत्रक की टीम ने जांच किया तो उसने भी 22 करोड़ 97 लाख रुपये के अग्रिम भुगतान पर टिप्पणी की और अग्रिम भुगतान से यूपीसीडा को 343.83 लाख रुपये के ब्याज की क्षति की बात कही। इस मामले की जांच कराई गई और फरवरी 2019 में आरोप पत्र दिया गया। जवाब आने पर परीक्षण के बाद सीईओ मयूर महेश्वरी ने लेखा लिपिक आरके सैनी को बर्खास्त कर दिया है।

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