तीन साल फॉर्म भरे बगैर स्नातक की परीक्षा देती रही छात्रा, सच सामने आने पर विश्वविद्यालय प्रशासन सन्न
चौबेपुर के लवकुश इंस्टीट्यूट फॉर हायर एजुकेशन में फॉर्म भरने वाली छात्रा तीनों वर्ष तक अनुपस्थित रही परीक्षार्थी ने पत्र भेजकर उसका व उसके पिता का नाम अंकित करके संशोधित परिणाम निकालने के लिए कहा तो मामला खुला है।
कानपुर, जेएनएन। क्या आपने कभी सुना है कि स्नातक में प्रवेश कोई ले, परीक्षा फॉर्म कोई भरे और परीक्षा कोई दे। शायद नहीं...। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) की परीक्षा समिति की बैठक में ऐसा ही एक मामला सामने आया तो समिति के सदस्यों और वरिष्ठ प्रोफेसरों के होश उड़ गए। स्नातक प्रथम, द्वितीय और तृतीय तीनों वर्ष जिस छात्रा ने परीक्षा दी, उसने प्रवेश फॉर्म भरा ही नहीं। जिस छात्रा ने प्रवेश लिया व फॉर्म भरा, वह तीनों वर्ष अनुपस्थित रही। मामला विश्वविद्यालय से संबद्ध लवकुश इंस्टीट्यूट फॉर हायर एजुकेशन चौबेपुर का है।
जिस छात्रा ने बीए में तीनों वर्ष परीक्षा दी है, उसने विश्वविद्यालय से उसके हक में संशोधित परीक्षा परिणाम जारी करने के लिए पत्र लिखा है। छात्रा ने विश्वविद्यालय से कहा है कि मेरे व मेरे पिता का नाम लिख परीक्षाफल जारी कर दिया जाए। यह मामला सामने आने के बाद परीक्षा समिति के सदस्यों ने इस पर जांच समिति बनाए जाने की संस्तुति की। उनका कहना था कि प्रवेश लेने वाला अनुपस्थित क्यों हुआ।
अगर हुआ तो भी दूसरा उसके स्थान पर कैसे परीक्षा दे सकता है। सदस्यों की राय के बाद पूरे प्रकरण की जांच करने के लिए समिति बना दी है। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई परीक्षा समिति की बैठक में कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव, सिस्टम मैनेजर डॉ. सरोज द्विवेदी, डीन अकादमिक प्रो. संजय स्वर्णकार व कूटा अध्यक्ष डॉ. बीडी पांडेय समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे।