फतेहपुर में ताख पर नियम और मानक, सलेमपुर व अढ़ावल में जलधारा से अवैध ढंग से खनन जारी
मामला सुर्खियों में आने के बाद भी उपरोक्त खंडों में अवैध खनन बल्कि बदस्तूर जारी है। उधर अधिक से अधिक मौरंग निकालने और बारिश के दिनों में महंगे दाम में बिक्री के लिए अनेक कारोबारी डंप लगा रहे हैं।
फतेहपुर, जेएनएन। नदियों की खदानों में खनन 30 जून से बंद होना है। ऐसे में अधिक से अधिक मौरंग निकालने की होड़ मची है। हर मौरंग खदान में खुलेआम नियम और मानक तोड़े जा रहे हैं। खनिज विभाग चुप है। विभाग की संदिग्ध भूमिका का नतीजा है, सलेमपुर व अढ़ावल-11 खंड में जलधारा के अंदर पोकलैंड मशीनें खड़ी करके पट्टेधारक खनन कर रहे हैं। ट्रक भी निर्धारित क्षमता से दोगुना मौरंग लादकर निकल रहे हैं और इन्हें पकडऩे का काम सुस्त है।
शनिवार रात अढ़ावल-11 और सलेमपुर खदान में अवैध रूप से मौरंग खनन का वीडियो रविवार सुबह इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ। हालांकि इस तरह के किसी वीडियो की जागरण डॉट कॉम पुष्टि नहीं करता। मामला सुर्खियों में आने के बाद भी उपरोक्त खंडों में अवैध खनन बल्कि बदस्तूर जारी है। उधर, अधिक से अधिक मौरंग निकालने और बारिश के दिनों में महंगे दाम में बिक्री के लिए अनेक कारोबारी डंप लगा रहे हैं। खास बात यह है कि मौरंग डंप करने के लिए विभाग से लाइसेंस भी प्राप्त नहीं किए गए। इनके पास एक डंप का लाइसेंस है भी, मगर पांच डंप अलग-अलग स्थलों पर लगा रहे हैं। मनमानी और अनदेखी के कारण अंतिम चरण में खनन बेपटरी हो गया है। बिना लाइसेंस के 40 स्थलों पर मौरंग की डंपिंग हो रही है।
मैनेजमेंट गुरू अब सुर्खियों में छाये: मौरंग खदानों में लगातार मनमानी के पीछे खनिज विभाग और पट्टाधारकों के बीच एक मैनेजमेंट गुरु की भूमिका सुर्खियों में है। पट्टा धारक व विभाग के बीच में यह अहम कड़ी है। इनका जाल बांदा, हमीरपुर से लेकर मध्य प्रदेश तक फैला बताया जा रहा है।
इनका ये है कहना:
अवैध खनन कहां हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं थी। अब जानकारी हुई है, मौरंग खंडों में टीमें भेजकर जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। जहां भी मौरंग डंप है, उसकी भी जांच होगी। अगर बिना लाइसेंस के डंप लगाए गए हैं तो उन्हें सीज कर नीलाम किया जाएगा। - लालता प्रसाद शाक्य, एडीएम