बांदा में शिक्षक सोसाइटी में 4.11 करोड़ का गबन, पूर्व सचिव और कार्यालय प्रभारी पर मुकदमा

बांदा चित्रकूट की दि डिस्ट्रिक्ट बोर्ड टीचर्स को-आपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड बांदा-चित्रकूट की शाखा में फर्जी खातों से रुपये निकाले जाने के बाद अभिलेख भी गायब कर दिए गए । वर्ष 1976 से अबतक का हिसाब-किताब नहीं दिया गया।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 10:51 AM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 10:51 AM (IST)
बांदा में शिक्षक सोसाइटी में 4.11 करोड़ का गबन, पूर्व सचिव और कार्यालय प्रभारी पर मुकदमा
दि डिस्ट्रिक्ट बोर्ड टीचर्स को-आपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में घोटाला।

बांदा, जेएनएन। दि डिस्ट्रिक्ट बोर्ड टीचर्स को-आपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड बांदा-चित्रकूट की मऊ शाखा में तैनात रहे सचिव व अन्य अधिकारियों ने शिक्षकों के फर्जी खाते बनाकर करोड़ों रुपये हड़प लिए। इसमें बैंकों की भी मिलीभगत रही। आडिट जांच में मामला सही मिलने पर पूर्व सचिव और कार्यालय प्रभारी के खिलाफ शहर कोतवाली में चार करोड़, 11 लाख रुपये के गबन व अभिलेख गायब करने को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया है।

सोसाइटी में चित्रकूट की मऊ शाखा में करीब 730 शिक्षक सदस्य हैं। सोसाइटी में बांदा जिले की शहर कोतवाली अंतर्गत आवास विकास कालोनी निवासी राम प्रताप सचिव और इंदिरा नगर निवासी इनके सगे भाई विनोद कुमार कार्यालय प्रभारी थे। वर्ष 1976 से 2015 तक यहां लगातार दोनों कार्यरत रहे। समिति के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक जरूरत पडऩे पर बैंकों के जरिए ऋण लेते हैं। फिर यह धनराशि उनके वेतन से कटती रहती है। वर्ष 2015-16 में रामप्रताप के खिलाफ सोसाइटी का चार करोड़ 11 लाख 56 हजार 852 रुपये गबन करने का मामला सामने आया।

अतर्रा के भरत भूषण कुशवाहा ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट के निर्देश पर उन्होंने वर्ष 2016 में सोसाइटी के संयुक्त आयुक्त हृदय राम, नरेंद्र कुमार सिंह व सतीशचंद्र मिश्र, एडीसीओ राकेश त्रिपाठी, तत्कालीन सहायक निबंधक (एआर) सहकारिता बांदा, कारेलाल शर्मा, सुरेश कुमार व एकाउंटेंट कन्हैयालाल सहित 15 लोगों के खिलाफ अतर्रा थाने में गबन की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

रजिस्ट्रार के निर्देश पर देवी पाटन मंडल के संयुक्त आयुक्त जमुना प्रसाद पांडेय को जांच सौंपी गई थी, लेकिन उन्होंने दूसरा मंडल होने के कारण असमर्थता जाहिर कर दी थी। इसके बाद चित्रकूट मंडल के अधिकारियों की सात सदस्यीय टीम ने जांच की, जिसमें अधिकारियों को क्लीनचिट दे दी गई। इसके बाद फिर बांदा एआर और चित्रकूट एआर से जांच कराई गई, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। आडिट रिपोर्ट में 4.11 करोड़ के गबन और अभिलेख गायब करने की बात सामने आई।

मामले में अब उप निबंधक चित्रकूट दीपक सिंह के निर्देश पर सोसाइटी सचिव चक्रपाणि अवस्थी ने पूर्व सचिव रामप्रताप व कार्यालय प्रभारी विनोद कुमार के खिलाफ गबन और अभिलेख गायब करने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इसकी एक प्रति एसपी को भी दी गई है। उप निबंधक व उपायुक्त दीपक कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की विवेचना के बाद आरोपितों को गिरफ्तारी करेगी। कोतवाली प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना सिविल लाइंस चौकी इंचार्ज को दी गई है। जल्द ही विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा लखनऊ स्थानांतरित की जाएगी।

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