कैग के दायरे में आने वाले सरकारी संस्थानों को बड़ी राहत, जीएसटी को लेकर अब नया नियम

बजट में प्रस्ताव आने के बाद कैग के अधीन आने वाले सरकारी विभागों को राहत दी गई है। यह प्रस्ताव सिर्फ उन विभागों के लिए है जहां कैग नियमित रूप से जांच करता है। अब सीए नहीं बल्कि कारोबारी को खुद वार्षिक रिटर्न फाइल करना होगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 11 Feb 2021 07:52 AM (IST) Updated:Thu, 11 Feb 2021 07:52 AM (IST)
कैग के दायरे में आने वाले सरकारी संस्थानों को बड़ी राहत, जीएसटी को लेकर अब नया नियम
बजट में जीएसटी में नए नियम आने से राहत होगी।

कानपुर, जेएनएन। कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (कैग) के दायरे में आने वाले केंद्र व राज्य सरकार के विभाग और स्थानीय निकायों को जीएसटी के वार्षिक रिटर्न फाइल करने से छूट मिलेगी। बजट में इसको लेकर प्रस्ताव किया गया है कि ऐसे सभी संस्थान वार्षिक रिटर्न से मुक्त होंगे।

जीएसटी में पंजीकृत ठेके पर काम कराने वाले सरकारी विभागों को खरीद व बिक्री को लेकर अपने वार्षिक रिटर्न फाइल करने होते हैं। सामान्य कारोबारी की तरह उन पर भी नियमित रिटर्न के बाद वार्षिक रिटर्न फाइल करने का नियम लागू है। वार्षिक रिटर्न फाइल करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की सहायता लेनी पड़ती है। वार्षिक रिटर्न को फाइल करना कारोबारी भी सबसे कठिन मानते हैं, क्योंकि उन्हें इसमें वर्ष भर के तमाम आंकड़ों को ठीक-ठीक फाइल करना होता है। सरकारी विभागों में भी यही स्थिति होती है। इसे देखते हुए बजट में प्रस्ताव लाया गया है कि जिन सरकारी विभागों की कैग नियमित रूप से जांच करता है, उन्हें वार्षिक रिटर्न फाइल नहीं करना होगा।

व्यापारियों को फार्म 9-सी का नहीं कराना होगा ऑडिट

अब व्यापारियों के लिए भी वार्षिक समाधान विवरण फार्म 9-सी का चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट करवाना जरूरी नहीं रहेगा। अभी इसकी अनिवार्यता है। नई परिस्थितियों में धारा-44 के तहत दाखिल हो रहा वार्षिक रिटर्न फार्म-9 में ही देना है। फार्म 9-सी के कॉलम फार्म 9 में ही शामिल हो जाएंगे। इसके साथ ही कारोबारी को खुद ही धारा 44 के तहत दाखिल हो रहे वार्षिक रिटर्न में ही रिटर्न और बहीखातों के अंतर के समाधान का विवरण देना होगा। टैक्स सलाहकार शिवम ओमर के मुताबिक, इसमें अगर कोई गड़बड़ी हुई तो उसके लिए कारोबारी को नोटिस भी जारी किया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी