Mishap In Kanpur: मकानों में रहते थे 18 परिवारों के 68 लोग, सामने आई भवनों के गिरने की ये वजह

कानपुर के शहर के हालसी रोड लोहा मंडी में मकानों के धराशायी होने से पहले यहां रहने वाले परिवारों ने खतरा जताकर थाने में पुलिस से गुहार लगाई थी लेकिन सुनवाई न होने से उनकी जान पर बन आई। पुलिस चेत जाती तो हादसा बच सकता था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 09:34 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 09:34 AM (IST)
Mishap In Kanpur: मकानों में रहते थे 18 परिवारों के 68 लोग, सामने आई भवनों के गिरने की ये वजह
कानपुर में देर रात लोहा मंडी में मकान गिर गया।

कानपुर, जेएनएन। लोहा मंडी क्षेत्र में अमित जैन और उनके साथ काम करने वाले बिल्डर की मनमानी के कारण तीनों मकानों में रहने वाले 18 परिवारों के 68 लोगों की जिंदगी सोमवार को खतरे में पड़ गई। यहां रहने वाले परिवार खतरा जता पुलिस से गुहार लगाते रहे लेकिन सुनवाई नहीं हुई। आखिर इतना बड़ा हादसा हो गया। यहां रहने वाले परिवार पहले ही खतरा भांप चुके थे।

लोहा मंडी के मकान नंबर ए में 11 परिवार, बी में पांच परिवार और सी में दो परिवार रहते थे। गंभीर घायल राकेश शर्मा अपने मकान में अकेले ही रहते हैं। उनका बेटा पत्नी के साथ दूसरी जगह रहता है। ए में गीतादेवी, सुशीला देवी, महेश, हैप्पी शर्मा, सौरभ शर्मा, विजय कुमार मिश्रा, राकेश शर्मा, दिनेश शर्मा, अनिल शर्मा, विनोद शर्मा, जनित शर्मा और मकान नंबर बी में रूपेश तिवारी, देवेंद्र बहादुर, इंद्रजीत ङ्क्षसह, संजय तिवारी और सत्येंद्र बहादुर और सी में दीपक शर्मा व बरखा तिवारी के घर थे। इनमें अधिकांश परिवारों की गृहस्थी मलबे में दब गई है।

लोगों के मुताबिक, छह माह पहले शिकायत और स्थानीय लोगों के दबाव में काम बंद भी हो गया था, लेकिन एक माह पहले फिर से खोदाई शुरू कर दी गई। सोमवार शाम छह बजे चंद्रा स्टील के मालिक मनोज खंडेलवाल के मुनीम राकेश यादव ने मकान के पिछले हिस्से में दरार देखी। इस पर लोगों को पिछला हिस्सा खाली करने को कहा। लोग इसके बाद अनवरगंज थाने पहुंचे, लेकिन इस बार भी सुनवाई नहीं हुई। हालांकि, राकेश की सजगता से लोगों के चौकन्ना होने के कारण बड़ा हादसा बच गया।

नियमों को ताक पर रखकर खोदाई

लोहा मंडी में तीन मकानों के ढहने के पीछे एक बार फिर सरकारी तंत्र की नाकामी सामने आई है। लोगों का आरोप है कि पैसा व राजनीतिक पहुंच के चलते पुलिस और केडीए को मनमाने तरीके से रात में हो रही खोदाई दिखाई नहीं पड़ी। तकरीबन रोज ही लोग इसके विरोध में आवाज उठाते थे। अजीत जैन व उनके परिवार के तीनों मकान नंबर 77-3ए, 77-3बी और 77-3सी का पिछला हिस्सा ढहा।

मकान नंबर 77-3ए की किरायेदार गीता देवी ने बताया कि अमित जैन ने कुछ स्थानीय नेताओं व बिल्डरों की मदद से अपना पुस्तैनी मकान तुड़वाकर बहुमंजिला इमारत खड़ी करने के लिए खोदाई शुरू कराई थी। एक गन हाउस मालिक भी इसमें शामिल हैं। रात के समय जेसीबी लगाकर खोदाई होती थी। मानकों का कोई पालन नहीं किया जाता था। इसकी शिकायत लेकर वह और दूसरे किरायेदार कई बार थाना अनवरगंज और केडीए तक गए, लेकिन हर बार टरका दिया गया।

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