Insurance Fraud Case: तेलंगाना, हैदराबाद और महाराष्ट्र से भी जुड़े हैं गिरोह के तार, जानिए-कहां से मिला ठगी का आइडिया

बीमाधारकों काे फोन कॉल करके ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने में पुलिस जुट गई है अब पॉलिसी धारकों का डाटा देने वाले वेंडरों की तलाश शुरू कर दी है। साइबर ठगों के मोबाइल से मिले नंबरों के आधार पर तफ्तीश की जा रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 08:58 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 08:58 AM (IST)
Insurance Fraud Case: तेलंगाना, हैदराबाद और महाराष्ट्र से भी जुड़े हैं गिरोह के तार, जानिए-कहां से मिला ठगी का आइडिया
बीमाधारकों का डाटा बेचने वालों की तलाश।

कानपुर, जेएनएन। क्राइम ब्रांच और बर्रा थाने की संयुक्त टीम ने बीमाधारकों से प्रीमियम जमा करने में छूट देने का झांसा देकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह का राजफाश कर सरगना समेत छह आरोपितों को जेल भेजा है। क्राइम ब्रांच की टीम अब साइबर ठगों को बीमाधारकों का डाटा बेचने वाले वेंडरों की तलाश में जुटी है। पुलिस ने एक वेंडर को चिह्नित किया है।

बर्रा तात्याटोपे नगर के अमित गुप्ता के साथ इंश्योरेंस का प्रीमियम जमा करने के नाम पर साइबर ठगों ने 51 हजार की ठगी की थी। पुलिस ने गिरोह के सरगना घटिया नौरंगाबाद इटावा निवासी शिवम उर्फ फई के अलावा डलमऊ रायबरेली के वरुण, उसके भाई करन, उत्तम नगर दिल्ली के करन शर्मा, अमन, आशीष कनौजिया उर्फ जटायु को गिरफ्तार किया था। आरोपित बीमा कंपनियों के वेंडरों से बीमाधारकों का डाटा खरीद कर प्रीमियम जमा करने के नाम पर छूट देने का झांसा देकर ठगी करते थे। क्राइम ब्रांच ने आरोपितों के मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकलवाई है, जिसमें 50 से अधिक नंबर पुलिस ने छांटे हैं। सीडीआर के आधार पर विभिन्न कंपनियों के 40 से अधिक वेंडर गिरोह के संपर्क में होने की उम्मीद है। लखनऊ के एक वेंडर को पुलिस ने ट्रेस किया है।

तेलंगाना, हैदराबाद, उत्तराखंड और महाराष्ट्र से जुड़े तार

पुलिस के मुताबिक साइबर ठगी के इस गिरोह के तार तेलंगाना और महाराष्ट्र से जुड़े हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस गिरोह के खिलाफ देहरादून, तेलंगाना के साइबराबाद, हैदराबाद के मियांपुर, महाराष्ट्र के रत्नागिरी और व चिपलून थानों में मुकदमे दर्ज हैं। कई अन्य राज्यों से भी संपर्क किया गया है।

फोन केवल सुबह दस बजे से पांच बजे तक

गिरोह लोगों को केवल सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक फोन करता था। ताकि बीमाधारक को लगे कि वह कार्यालय से ही बोल रहे हैं। पांच बजे के बाद का समय वह ठगी गई रकम के संकलन में लगाता था।

33 में 12 अकाउंट फ्रीज

पुलिस ने अब तक आरोपितों के पास 33 अकाउंट का पता लगाया है। इसमें से 12 अकाउंट क्राइम ब्रांच ने फ्रीज करा दिए हैं। इनमें से पांच अकाउंट में हाल फिलहाल में 25 लाख की लेनदेन हुई थी।

काल सेंटर से मिला आइडिया

शिवम व वरुण पहले मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में काम करते थे। बाद में गुडग़ांव के एक कॉल सेंटर में नौकरी करने लगे। बीमा कंपनी के काम काज से वह परिचित थे, इसलिए उन्होंने काल सेंटर के हुनर के जरिए बीमा धारकों को ठगने की प्लानिंग बनाई। सीडीआर से मिले नंबरों के आधार पर वेंडरों की तलाश शुरू की गई है। विभिन्न कंपनियों के 40 से अधिक वेंडरों के गिरोह के संपर्क में होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। लखनऊ के एक वेंडर को ट्रेस किया गया है। अन्य की तलाश कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। -दीपक भूकर, एडीसीपी क्राइम

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