Big Fraud: बीमा में कोरोना का इलाज शामिल करने की कॉल आए तो हो जाएं सावधान, इन बातों का रखें ध्यान
कानपुर शहर में कई लोगों को उनकी बीमा पॉलिसी में कोरोना का इलाज शामिल कराने के लिए कॉल्स आ रहे हैं। उनसे फोन पर बात करके लिंक भेजा जा रहा है और पॉलिसी के ब्योरे के साथ बैंक खाते की डिटेल मांगी जा रही है।
कानपुर, [आशीष पांडेय]। आपदा काल में साइबर ठगी के असुर पैदा हो गए हैं। अगर आपके पास किसी बीमा कंपनी के नाम पर फोन कॉल आए और उसमें कोरोना इलाज शामिल कराने या नई पॉलिसी लेने की बात कही जाए तो झांसे में न आएं, क्योंकि ये साइबर ठग हो सकते हैं। उनके लिंक को स्कैन न करें, वर्ना आपका बैंक खाता साफ हो सकता है। नीचे दिए दो केस से ठगी का खेल समझा जा सकता है कि किस तरह लोगों को ठगा जा रहा है।
Case-1 : बर्रा विश्वबैंक निवासी मार्केटिंग कंपनी में एरिया सेल्स मैनेजर निरंकार को कॉल करके युवती ने खुद को बीमा कंपनी का कर्मी बता पॉलिसी अपडेट करके कोरोना का इलाज शामिल कराने का झांसा दिया। सालाना प्रीमियम की राशि में करीब चार हजार रुपये बढ़ाने की बात कही। युवती ने उन्हेंं एक लिंक भेजा। उन्होंने बीमा कंपनी के दफ्तर जाकर जानकारी ली तो पता चला, ऐसी कोई स्कीम नहीं है। इस पर साइबर सेल में शिकायत की है।
Case-2 : साकेत नगर निवासी अंकुर आयुर्वेद दवाओं का काम करते हैं। 13 अप्रैल को उनके पास कॉल करने वाले ने बीमा पॉलिसी की जानकारी ली तो उन्होंने इन्कार किया। उसने वन टाइम प्रीमियम का भुगतान करके बीमा में कोरोना के इलाज का लाभ पाने का झांसा देकर कहा, 17 हजार रुपये के प्रीमियम पर नौ लाख तक का इलाज होगा। प्रीमियम भुगतान के लिए लिंक और बार कोड भेजा। शंका होने पर उन्होंने उसे बिना स्कैन किए साइबर सेल में शिकायत की।
इन बातों का रखें ख्याल
- बैंक केवाइसी, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड लिंक करने को कभी मोबाइल फोन पर कॉल नहीं करते हैं।
- अनजान नंबरों से कॉल में बोनस प्वाइंट, क्रेडिट कार्ड रिवार्ड प्वाइंट, कैशबैक जैसे लुभावने आफर देकर ओटीपी पूछें तो जानकारी न दें।
- किसी लुभावने आफर के मैसेज में दिए गए लिंक या क्यूआर कोड को अनदेखा कर दें।
- फेसबुक पर किसी अनजान को न रिक्वेस्ट भेजें और न हीं स्वीकारें।
- नेट बैंकिंग का इस्तेमाल सार्वजनिक स्थान व साइबर कैफे में करते समय सावधान रहें।
- आधार कार्ड से पैसा निकालते समय फिंगर प्रिंट को लेकर सावधानी बरतें।
- ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर में दिक्कत आए तो कंपनी का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर सर्च न करें। साइबर ठग रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन इंस्टाल करके आपके खाते से रकम उड़ा सकते हैं।
जानिए- क्या कहते हैं पुलिस अफसर
ठगों के पास अब कोरोना संक्रमित लोगों का भी डाटा आ गया है। शातिर उनके मोबाइल नंबरों पर कॉल करके बीमा पॉलिसी के सालाना प्रीमियम को बढ़ाकर भुगतान करने पर कोरोना का इलाज जुड़वाने का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं। फर्जी कंपनियां भी बना ली हैं। -संजय मिश्र, साइबर एक्सपर्ट और पुलिस के साइबर ट्रेनर।
साइबर टीम को अलर्ट करके लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कुछ मामले संज्ञान में आए हैं, जिनकी जांच कराई जा रही है। -सलमान ताज पाटिल, पुलिस उपायुक्त (अपराध)