Cyber Crime Kanpur: ई-मेल पर बैंक लेनदेन का ब्योरा साझा करने वाले रहें सावधान, करोड़ों का चूना लगा चुके ठग

कानपुर की गणेशा इकोटेक कंपनी की ईमेल आइडी हैक करके 2.45 करोड़ की ठगी के बाद साइबर अपराधियों ने आटोमोबाइल कंपनी विशाल आटो मूवर्स को शिकार बना खाते से लाखों रुपये पार कर दिए हैं। ईमेल और लेटरहेड बैंक को भेजकर आठ खातों में रकम जमा कराई।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 08:59 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 08:59 AM (IST)
Cyber Crime Kanpur: ई-मेल पर बैंक लेनदेन का ब्योरा साझा करने वाले रहें सावधान, करोड़ों का चूना लगा चुके ठग
साइबर हैकरों के निशाने पर हैं कानपुर की कंपनियां।

कानपुर, जेएनएन। ईमेल पर बैंक के लेनदेन का ब्योरा साझा करने वाली कंपनियां सावधान हो जाएं क्योंकि वो साइबर हैकरों के निशाने पर आ गई हैैं। कानपुर पुलिस के सामने आए ऐसे दो मामलों में साइबर ठगों ने ईमेल हैक करके कंपनियों को करोड़ों का चूना लगाया है। साइबर अपराधियों ने स्वरूप नगर स्थित गणेशा इकोटेक कंपनी के बाद अब विशाल आटो मूवर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ ठगी की है। वाणिज्यिक वाहनों का कारोबार करने वाली कंपनी के ऋण खाते से 65.80 लाख रुपये से ज्यादा रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराकर हड़प लिए। बैंक प्रबंधक ने स्वरूप नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस साइबर सेल की मदद से मामले की जांच में जुटी है। साइबर ठग एक माह पहले ही गणेशा इकोटेक कंपनी से से 2.45 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं।

यूनियन बैंक आफ इंडिया के शाखा प्रबंधक विनय दीक्षित की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे के मुताबिक, उनकी शाखा में विशाल आटो मूवर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से ऋण खाता है। नौ सितंबर को ढाई बजे उनके पास अनजान नंबर से फोन आया। ट्रू कालर पर दौलत सिंह भदौरिया नाम प्रदर्शित हो रहा था। दौलत सिंह विशाल आटो मूवर्स के निदेशक हैं, लिहाजा उनकी ही काल समझकर फोन उठाया। फोन करने वाले ने कहा कि कंपनी की चेक बुक खत्म हो गई है, लेकिन ऋण खाते से कुछ आरटीजीएस कराने जरूरी हैं। इसलिए बैंक की ईमेल आइडी पर कंपनी की ईमेल आइडी से लेटर हेड भेजकर आठ विभिन्न खातों में रकम ट्रांसफर कराने की रिक्वेस्ट भेजी है। साथ ही कहा कि बाकी औपचारिकताएं वह शाम को शाखा में आकर पूरी करेंगे। इसके बाद बैंक की ईमेल आइडी पर डीएस भदौरिया डाट विशाल आटोमूवर्स एट जीमेल डाट काम नामक ईमेल आइडी से लेटर हेड आया। उसमें निदेशक का हस्ताक्षर भी था।

लेटरहेड पर लिखे विवरण के अनुसार छह खातों में करीब 47.48 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कर दिए। रकम ट्रांसफर होने के बाद उसी नंबर से फिर फोन आया और आरोपित ने अगले दिन बैंक आने की बात कही। अगले दिन फिर फोन आया और इस बार आरोपित ने दो अन्य खातों में करीब 18.32 लाख रुपये जमा करा लिए। साथ ही दोपहर बाद बैंक आने की बात कही। दोपहर बाद विशाल आटो मूवर्स कंपनी के लैंडलाइन नंबर से फोन कर कंपनी के अधिकारी ने इन आठ ट्रांजेक्शन पर आपत्ति जताई तो उन्हेंं ईमेल आने की जानकारी दी। इसके बाद दौलत सिंह भदौरिया खुद बैंक पहुंचे और जानकारी ली। बैंक प्रबंधक ने उन्हेंं कंपनी की ओर से भेजे गए लेटरहेड आदि दस्तावेज दिखाए, जो हूबहू कंपनी के लेटरहेड से मिल रहे थे। हालांकि, कंपनी की ओर से नहीं भेजे गए थे। तब साइबर ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद बैंक प्रबंधक ने स्वरूप नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। थाना प्रभारी ने बताया कि धोखाधड़ी व आइटी एक्ट की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।

इन आरोपितों के खातों में भेजी गई रकम : विनोद क्वार के एचडीएफसी बैंक खाते में 8,90,046 रुपये, रिषभ ठाकुर के आइसीआइसीआइ बैंक खाते में 9,15,900 रुपये, देवदत्त सिंह के आइसीआइसीआइ बैंक खाते में 8,93,578 रुपये, धनवती के कोटक महिंद्रा बैंक खाते में 6,79,036 रुपये, वीना देवी के एचडीएफसी बैंक खाते में 8,83,766 रुपये, सुमित के इंडसइंड बैंक खाते में 4,85,860 रुपये, मंटू खरवार के आइसीआइसीआइ बैंक खाते में 8,97,418 और रतन मलिक के आइसीआइसीआइ बैंक खाते में 9,34,528 रुपये भेजे गए।

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