कन्नौज में दबंगों का खौफ, डर के कारण ग्रामीण कर रहे पलायन, 21 घरों में लगे 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर

Big Controversy in Kannauj गांव में छात्राएं भी दहशत में हैैं। कुछ ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। सभी अलग-अलग कालेजों में पढ़ती हैं। कई स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा कोर्स कर रही हैं तो कुछ कोचिंग जाती हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 10:05 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 10:05 PM (IST)
कन्नौज में दबंगों का खौफ, डर के कारण ग्रामीण कर रहे पलायन, 21 घरों में लगे 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर
गांव सराय गूजरमल में मकान बिकाऊ का लगाया पोस्टर।

कन्नौज, जेएनएन। कोतवाली छिबरामऊ के गांव सरायगूजरमल के बुजुर्ग नरेशचंद्र कश्यप ने आवास में गड़बड़ी की शिकायत की थी। 22 सितंबर को ग्राम विकास अधिकारी अनुराधा यादव व एडीओ पंचायत जसकरन सिंह ने जांच की थी। अनुराधा ने नरेंद्र को फोन करके मौके पर बुलाया था। नरेश के मुताबिक, प्रधान अंकित उर्फ रवि कोरी ने वहां भाई दीपक व रविंद्र के साथ हथियार लेकर उन पर हमला किया था। इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। कार्रवाई न होने से प्रधान मुकदमा वापस लेने के लिए धमकी दे रहे। इससे पहले छेडख़ानी व घर में घुसकर मारपीट का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। रविवार को इसी मामले में 21 घरों के बाहर बिकाऊ है के पोस्टर लगाए गए हैैं। नरेश चंद, जगदीश, सुभाष, कल्लू, वीरेंद्र, श्यामू, श्री दयाल व सुभाष आदि ग्रामीणों ने बताया कि प्रधान बराबर परेशान कर रहे हैं। वह घर में घुसकर धमकाते हैं। महिलाओं से मारपीट करते हैं। बुजुर्गों को भी नहीं छोड़ते हैं। कार्रवाई न होने से जान का खतरा है। गृहस्थी समेटकर गांव से पलायन की तैयारी कर ली है। वहीं, आरोपित प्रधान का कहना है कि वह दूसरी बार प्रधान बने हैं। इससे कुछ लोग राजनीतिक रंजिश में उन्हें फंसाने की कोशिश क रहे हैं। घटना के दिन वायरल हुए वीडियो में वह नहीं हैं। सीओ शिवकुमार थापा ने बताया कि नरेश के साथ मारपीट के मामले में प्रधान और उसके दो भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। मामले की जांच हो रही है। आरोपित जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजे जाएंगे। एसडीएम देवेश कुमार गुप्त ने बताया कि घरों में बिकाऊ है के पोस्टर लगने की जांच कराई जाएगी। ग्रामीणों की समस्या का समाधान करेंगे। किसी को पलायन नहीं करने देंगे।  

छात्राएं नहीं जा रहीं स्कूल, करते पीछा: गांव में छात्राएं भी दहशत में हैैं। कुछ ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। सभी अलग-अलग कालेजों में पढ़ती हैं। कई स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा कोर्स कर रही हैं तो कुछ कोचिंग जाती हैं। उनका आरोप है कि घर से बाहर जाने पर प्रधान किसी न किसी को भेजकर पीछा कराते हैं, जिससे खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं।   

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