फर्रुखाबाद: गड्ढे में भरे पानी में डूबे पांच बच्चे, एक की गई जान, हड़ताल के चलते नहीं पहुंची एंबुलेंस

Big Accident In UP कबाड़ बीनने के बाद पांचों बच्चे नवाबगंज-मोहम्मदाबाद मार्ग पर अवैध खनन से हुए गड्ढों में भरे पानी में नहाने लगे। उसी समय पांचों बच्चे गहरे पानी में डूबने लगे तो संदीप ने चिल्लाना शुरू कर दिया।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 04:58 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 04:58 PM (IST)
फर्रुखाबाद: गड्ढे में भरे पानी में डूबे पांच बच्चे, एक की गई जान, हड़ताल के चलते नहीं पहुंची एंबुलेंस
डूबने से बचाए गए चार बच्चों की फोटो।

फर्रुखाबाद, जेएनएन।  घर से कबाड़ बीनने गए पांच बच्चे अवैध खनन से हुए गड्ढे में भरे पानी में डूब गए। एक बच्चे को चीखता देख उधर से निकल रहे ग्रामीण ने पानी में छलांग लगा दी। चार बच्चों को ग्रामीण ने गड्ढे से सकुशल निकाल लिया, लेकिन एक बच्चा नहीं मिला। आधा घंटे बाद मिले पांचवें बच्चे को बेहोशी अवस्था में निकाला गया। सीएचसी में डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इस प्रकार हुआ हादसा: कोतवाली क्षेत्र के गांव तकीपुर हबूड़ा बस्ती निवासी रामसेवक हबूड़ा का 12 वर्षीय पुत्र प्रदीप, आठ वर्षीय पुत्र सोनू, सुरेंद्र हबूड़ा का 12 वर्षीय पुत्र शिवम, राजाराम का 10 वर्षीय पुत्र राजा और रामप्रकाश का सात वर्षीय पुत्र संदीप तीन साइकिलों से कबाड़ बीनने रोहिला गांव की तरफ गए थे। नवाबगंज मार्ग पर रोहिला क्राङ्क्षसग के पास अवैध खनन से बने गहरे गड्ढे में भरे पानी बच्चे नहाने लगे। संदीप किनारे पर रहा, अन्य चारों बच्चे अंदर की तरफ बढ़े तो डूबने लगे। संदीप के भी एक गोता लगा, तो वह जोर से रोने लगा। गांव सिरोली निवासी सोनेलाल बाथम खेत में धान की रोपाई कर वापस आ रहे थे। संदीप को गड्ढे में रोता देखकर वह रुक गए। संदीप ने बताया कि उसके चार साथी डूब गए हैं। इस पर सोनेलाल ने गड्ढे में छलांग लगा दी। संदीप के बाद सोनू, शिवम व राजा को बाहर निकाल दिया। इस दौरान अन्य लोग भी पहुंच गए। राहगीरों ने चारों बच्चों के पेट से पानी निकाला। सोनेलाल को प्रदीप नहीं मिला। लगभग आधा घंटे की मशक्कत के बाद प्रदीप को बेहोशी हालत में बाहर निकाला। 

कुछ देर पहले अस्पताल पहुंच जाता तो बच जाती जान: मौके पर मौजूद लोग एंबुलेंस को फोन मिलाते रहे। काफी देर बाद हड़ताल की जानकारी हुई। उसी समय नवाबगज की ओर से आ रही पीआरवी 2660 को ग्रामीणों ने रोक लिया और प्रदीप को उसमें लिटाया। करीब 100 मीटर चलने के बाद पीआरवी बंद हो गई। इसके बाद ग्रामीणों ने एक वैन में प्रदीप को लिटाया और सीएचसी ले गए। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. गौरव यादव ने जांच के बाद प्रदीप को मृत घोषित कर दिया। डा. गौरव यादव ने बताया कि अगर कुछ देर पहले बच्चे को लाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी।

पुत्र के शव को सीने से लगाकर बिलख पड़े रामसेवक: तकीपुर निवासी रामसेवक पुत्र के पानी में डूबने की सूचना पर पत्नी शकुंतला देवी के साथ सीएचसी पहुंचे और दहाड़े मारकर रोने लगे। पुत्र के शव को सीने से लगाकर कहा कि गरीबी के कारण पुत्र की मौत हो गई। वह कबाड़ बीनने गया था। रामसेवक भी कबाड़ बीनते हैं और उसी से परिवार का भरण पोषण होता है। तीन पुत्रों में प्रदीप बड़ा था। सोनू व श्रवण छोटे हैं। प्रभारी निरीक्षक दिलीप कुमार ङ्क्षबद भी मौके पर पहुंचे। रामसेवक ने कहा कि वह अपने पुत्र का पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि पंचनामा भरकर शव स्वजन को सौंप दिया गया।

पिछले वर्ष दो लड़कियों की हुई थी मौत: मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र में रात में अवैध खनन धड़ल्ले से होता है। नवोदय विद्यालय के पास अवैध खनन से गहरे गड्ढे हो गए थे। जिसमें पिछले वर्ष बकरियां चराने गईं दो लड़कियों की डूबकर मौत हो गई थी। रोहिला क्रासिंग व हवाई पट्टी के निकट भी गहरे गड्ढे हो गए हैं। बारिश होने पर गड्ढों में पानी भर जाता और हादसा हो जाता है। गुरुवार को भी अवैध खनन के गड्ढे में पांच बच्चे डूब गए।

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