पेट्रोल में इथेनॉल का लक्ष्य पूरा करेगा चुकंदर, बेल्जियम की कंपनी देगी बीज Kanpur News

एनएसआइ के निदेशक व सेस वेंडर हैव कंपनी के मार्केटिंग हेड ने किया करार एक टन चुकंदर से बनेगा 100 लीटर इथेनॉल।

By AbhishekEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 11:30 AM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 09:52 AM (IST)
पेट्रोल में इथेनॉल का लक्ष्य पूरा करेगा चुकंदर, बेल्जियम की कंपनी देगी बीज Kanpur News
पेट्रोल में इथेनॉल का लक्ष्य पूरा करेगा चुकंदर, बेल्जियम की कंपनी देगी बीज Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। पेट्रोल में दस फीसद इथेनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य चुकंदर पूरा करेगा। चुकंदर से इथेनॉल बनाने की तकनीक राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआइ) ने तलाश ली है। प्रारंभिक प्रयोगों में परीक्षण सफल रहने के बाद बेल्जियम की 'सेस वेंडर हैवÓ कंपनी ने इस शोध कार्य में सहभागिता करने की ख्वाहिश जताई है। चुकंदर से इथेनॉल बनाने के लिए यह कंपनी चुकंदर के विभिन्न प्रजातियों के बीज एनएसआइ को मुहैया कराएगी। सोमवार को इस पर एनएसआइ निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन व कंपनी के मार्केटिंग हेड जोन नोयल ने करार किया। इस दौरान उन्होंने चुकंदर के कुछ बीज भी एनएसआइ निदेशक को दिए।

जोन नोयल ने कहा कि उनकी कंपनी चुकंदर की एसजेड-35 व पीएसी 60008 समेत अन्य प्रजातियों के बीज उपलब्ध कराएगी। करार के दौरान प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि पेट्रोल में दस फीसद इथेनॉल मिश्रित करने के लिए अभी 330 करोड़ लीटर इथेनॉल की जरूरत है। शीरे से बनने वाले इथेनॉल से महज 6.5 फीसद ही जरूरत पूरी हो रही है। भविष्य में 20 फीसद इथेनॉल मिलाने की योजना है इसलिए इसे बनाने के लिए नए विकल्पों की तलाश जरूरी है। उन्होंने बताया कि एक टन चुकंदर से 90 से 100 लीटर इथेनॉल प्राप्त किया जा सकता है। इसकी फसल महज पांच से छह माह में पककर तैयार हो जाती है।

इसके अलावा गन्ने की अपेक्षा इसकी सिंचाई में 30 से 40 फीसद कम पानी लगता है। उत्तर भारत में इसकी बुवाई नवंबर में की जाती है जबकि अप्रैल माह में इसकी फसल को काट लिया जाता है। गन्ने के साथ भी इसकी खेती की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इससे न केवल जरूरत के मुताबिक इथेनॉल का उत्पादन किया जा सकेगा बल्कि किसानों की आय दोगुना करने में भी इसकी खेती मददगार साबित होगी। 

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