GSVM Medical College: एलएलआर अस्पताल में कम पड़े बेड, अब न्यूरो साइंस सेंटर में शिफ्ट होंगे संक्रामक मरीज

कानपुर शहर में संक्रामक रोगियों की संख्या बढ़ने से जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर हैलट अस्पताल में बेड कम पड़ने लगे है और अब न्यूरो साइंस सेंटर के वार्ड में मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 11:57 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 05:44 PM (IST)
GSVM Medical College: एलएलआर अस्पताल में कम पड़े बेड, अब न्यूरो साइंस सेंटर में शिफ्ट होंगे संक्रामक मरीज
मेडिकल कालेज के न्यूरो साइंस सेंटर वार्ड में भर्ती होंगे संक्रामक रोगी।

कानपुर, जेएनएन। शहर से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रामक रोगों का कहर बढऩे के साथ ही एलएलआर अस्पताल (हैलट) के वार्डों में मरीजों के लिए बेड कम पडऩे लगे हैैं। ऐसे में वार्ड नंबर एक में भर्ती मरीजों को न्यूरो साइंस सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए सेंटर का फ्यूमिगेशन (कीट नियंत्रण की प्रणाली) कराया जा रहा है। अभी वार्ड एक में न्यूरो सर्जरी और न्यूरो मेडिसिन के मरीज भर्ती हैं।

एलएलआर अस्पताल में जहां बेड फुल चल रहे हैं, वहीं उर्सला, कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय में बेड सीमित हैं। सबसे अधिक समस्या मेडिसिन विभाग की है। इमरजेंसी में भी सर्वाधिक मरीज संक्रामक रोगों के चलते उपचाराधीन हैं। एलएलआर अस्पताल प्रशासन ने कुछ दिन पहले ही नेत्र रोग विभाग के वार्ड नंबर 10 को लिया है, लेकिन वह भी पूरी तरह से भर गया है। वहां एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखा जा रहा है। मंगलवार को न्यूरो साइंस सेंटर का सैनिटाइजेशन हुआ। गुरुवार से न्यूरो मेडिसिन और न्यूरो सर्जरी के रोगी वहां पर शिफ्ट किए जाने शुरू होंगे। एलएलआर अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने बताया कि बेड के लिए व्यवस्थाएं बनाई जा रहीं हैं।

हृदय, लिवर, गुर्दा रोगियों की हालत गंभीर

एलएलआर अस्पताल में वायरल की चपेट में आए हृदय, लिवर, गुर्दा, मधुमेह रोगियों की हालत गंभीर है। कुछ को आइसीयू में भर्ती किया गया है। उर्सला अस्पताल की इमरजेंसी से मंगलवार को दो मरीजों को आइसीसीयू में भेजा गया। दोनों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरी ने बताया कि वायरल के सामान्य मरीजों की हालत सही है।

कोरोना संक्रमण मरीजों के लिए आरक्षित था न्यूरो वार्ड

काेरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हालात बेकाबू होने पर न्यूरो साइंस सेंटर के वार्ड को कोविड मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया था। अब दूसरी लहर का असर कम होने और कोविड मरीजों की संख्या कम होने के बाद प्रचार्य ने डीएम को पत्र भेजकर न्यूरो साइंस सेंटर के वार्ड में संक्रामक रोगियों को भर्ती करने की अनुमति मांगी थी।

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