प्रदेश के कालेजों में नए सत्र से बदल जाएगा बीएड और एमएड की पढ़ाई का तरीका, एनसीटीई ने मांगा प्लान

सीएसजेएमयू समेत प्रदेश के बीएड कालेजों को आनलाइन लेक्चर बनाने होंगे और नए सत्र से अब ई-कंटेंट पर बीएड और एमएड की कक्षाएं संचालित की जाएंगी। एनसीटीई ने कालेजों से आनलाइन लेक्चर को लेकर प्लान मांगा है ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:53 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:53 AM (IST)
प्रदेश के कालेजों में नए सत्र से बदल जाएगा बीएड और एमएड की पढ़ाई का तरीका, एनसीटीई ने मांगा प्लान
सीएसजेएमयू समेत प्रदेश के बीएड कालेजों में बदलेगी पढ़ाई।

कानपुर, जेएनएन। अब बीएड और एमएड कालेजों में छात्र-छात्राओं के लिए सिर्फ पारंपरिक कक्षाएं नहीं लगेंगी। नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने पठन-पाठन में बड़ा बदलाव करते हुए कालेजों से आनलाइन टीचिंग को प्राथमिकता पर रखा है। सत्र 2021-22 से कालेजों में आफलाइन कक्षाओं के साथ ई-कंटेंट के जरिए भी पढ़ाई होगी। एनसीटीई ने कालेजों से आनलाइन लेक्चर को लेकर प्लान मांगा है।

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) समेत देश के विभिन्न बीएड कालेजों में लगने वाली कक्षाओं में पढ़ाने का तरीका, लेसन प्लान, को-करकुलर एक्टिविटी आदि कार्य अब आनलाइन कराए जा सकेंगे। देश में करीब 15 हजार बीएड कालेज हैं, जबकि प्रदेश में इनकी संख्या करीब 2300 है। वहीं, सीएसजेएमयू से संबद्ध बीएड कालेजों की संख्या 100 के करीब है, जिनमें 17 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। उप्र स्ववित्त पोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि कोरोना काल में अगर कालेज खुलते भी हैं तो 50 फीसद छात्र संख्या के साथ खुलेंगे। कोरोना प्रोटोकाल के तहत कक्षाओं में छात्रों के बैठने के दौरान शारीरिक दूरी का ख्याल भी रखना होगा। ऐसे में आफलाइन के साथ आनलाइन कक्षाएं चलना स्वाभाविक है।

शानदार स्टडी मैटेरियल मिलेगा छात्रों को

गांव, कस्बों व छोटे शहरों में संचालित बीएड, एमएड, बीपीएड, एमपीएड, डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन समेत अन्य शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स के छात्रों को इससे शानदार स्टडी मैटेरियल मिलेगा। देशभर के विश्वविद्यालय व कालेजों से आने वाले स्टडी मैटेरियल की स्क्रीङ्क्षनग करके बेहतरीन स्टडी मैटेरियल को एनसीटीई अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगी। इससे दूर-दराज के ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रों में पढऩे वाले छात्र-छात्राएं, रिसर्च मैथोडोलाजी, टीङ्क्षचग लर्निंग प्लान, माइक्रो टीचिंग, प्रैक्टिस टीङ्क्षचग, विषयों से संबंधित व्याख्यान व प्रयोगात्मक अध्ययन के गुर नामी विश्वविद्यालयों व कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों से सीख सकेंगे।

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