इस वजह से शहरवासियों का सांस लेना तक होता जा रहा मुश्किल
एनजीटी के आदेश स्मार्ट सिटी मिशन के तहत हो रहे कामों पर नहीं लागू हो रहे हैं। नतीजा अफसरों की लापरवाही से जनता जूझ रही है। भैरोघाट जाने वाली मुख्य सड़क पर ही मिट्टी और गिट्टी खुले में डाल दी गई। आधा रास्ता घेर लिया गया है।
कानपुर, जेएनएन। शहर में अब वो दिन दूर नहीं जब सांस लेना तक दूभर हो जाएगा। नगर निगम की लापरवाही और धुआं छोड़ते निकलते वाहन इसके लिए जिम्मेदार होंगे। हैरत की बात है कि आरटीओ से उनको अनुमति पत्र कैसे मिल जाता है। शहर को कहां बात हो रही थी कि स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा। जब लोग ही स्मार्ट नहीं रहेंगे तो ऐसी स्मार्ट सिटी का क्या फायदा।
एनजीटी के आदेश स्मार्ट सिटी मिशन के तहत हो रहे कामों पर नहीं लागू हो रहे हैं। नतीजा अफसरों की लापरवाही से जनता जूझ रही है। भैरोघाट जाने वाली मुख्य सड़क पर ही मिट्टी और गिट्टी खुले में डाल दी गई। आधा रास्ता घेर लिया गया है। रही सही कसर सड़क पर दिनभर बहते पानी ने पूरी कर दी है। फैली सामग्री से रास्ता सकरा हो गया है इसके कारण वाहन फंस रहे है और जाम लग रहा है। वाहनों के गुजरने से दिनभर धूल उड़ती रहती है इस कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि सड़क पर फैली निर्माण सामग्री हटाई जाएगी। नियम सभी के लिए बराबर है।
वीआइपी रोड के दोनों तरफ फैला हुआ है कूड़ा
भैरोघाट में शवदाह गृह बना हुआ है साथ ही नगर निगम का विद्युत शवदाह गृह है। वीआइपी रोड के बगल से होकर भैरोघाट रास्ता जाता है। रानी घाट तिराहे और सीसामऊ पंपिंग स्टेशन वीआइपी रोड से जाने पर दोनों तरफ पहले फैला कूड़ा मिलता है। इसके बाद धोबी घाट के पास सड़क पर कई ट्रक मिट्टी और गिट्टी पड़ी हुई है। यहां पर स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा दूषित पानी को ट्रीट करे का प्लांट और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। एक तरफ निर्माण सामग्री व मलबा ढक कर रखने को कहा गया है यह लेकिन यहां पर पालन नहीं हो रहा है।
जनता का दर्द
नीरज शुक्ला, नीरज वर्मा, अतुल मिश्रा, अमित मिश्र ने बताया कि उड़ती धूल के कारण सांस लेना मुश्किल हो गया है।