टीबी को दी मात, अब चैंपियन बन दूसरों को कर रहे जागरूक

टीबी की बीमारी को मात देने वाला युवक अब इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा है ताकि इस बीमारी की चपेट में आने से लोगों को बचाया जा सके। इनका कहना है कि सकारात्मक सोच की वजह से इस बीमारी से लडऩे में ताकत मिली।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 07:21 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 07:21 PM (IST)
टीबी को दी मात, अब चैंपियन बन दूसरों को कर रहे जागरूक
टीबी को मात देने के बाद लोगों को कर रहे जागरूक।

कानपुर, जेएनएन। कहते हैं अगर सोच सकारात्मक हो तो आप बड़ी से बड़ी बाधा को पार करने में सफल हो सकते हैं। इटावा जनपद के सुंदरपुर निवासी 36 वर्षीय ऐसे युवक हैं जिन्होंने टीबी जैसी गंभीर बीमारी को मात देने में सफलता हासिल की है। यही नहीं अब वह दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक कर रहे हैं।

वे बताते हैं कि दो वर्ष पहले मुझे टीबी हुई थी। शुरूआत में सब ठीक था लेकिन एक दिन अचानक खांसते समय उनके मुंह से खून आ गया। स्वजन तुरंत उन्हें अस्पताल ले गए। कई टेस्ट के बाद पता चला कि उनको टीबी हो गया है। इस जानकारी से परिवार का हर सदस्य अवाक रह गया, तभी आसपास के लोग उन्हें संदेह पूर्ण तरीके से देखने लगे और उनके साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार करने लगे। हालांकि यह जानने के बाद भी उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी। लगातार सकारात्मक सोच की वजह से उन्हें इस बीमारी से लड़ने में ताकत मिली।

उन्होंने सरकारी टीबी अस्पताल में जाकर फरवरी 2019 में लक्षणों के अनुसार जांच करवाई। चिकित्सकों द्वारा टीबी की पुष्टि होने पर उन्होंने मेरी निश्शुल्क दवा शुरू कराई और इलाज पूरा होने तक मुझे रोज दवा खाने को कहा। मैंने डॉक्टर के परामर्श पर छह माह तक पूरा इलाज लिया। साथ ही बताया कि उन्हें निश्चय पोषण योजना के तहत हर महीने 500 रुपये की आर्थिक मदद मिली। जिसके द्वारा उनके लिए टीबी से जंग जीतने का रास्ता और सरल बना।

वे बताते हैं कि अब मैं बिलकुल ठीक हूं पर मुझे लगता है अपने क्षेत्र के अन्य टीबी रोगियों को भी इसके बारे में जागरूक करना मेरी जिम्मेदारी है। इसलिए मैं अब समाज के अंदर टीबी रोगियों के प्रति हुए भेदभाव को दूर करने का प्रयास का रहा हूं व समाज में जन जागरुकता लाने का भी प्रयास करूंगा।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बीएल संजय ने बताया सरकार द्वारा टीबी रोगियों को मुफ्त में दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं साथ ही निश्चय पोषण योजना के तहत 500 रुपया प्रतिमाह आर्थिक मदद दी जाती है और इन रोगियों की समय-समय पर निशुल्क जांच की जाती है। जिला समन्वयक कंचन तिवारी ने बताया कि जनपद में 3 टीबी चैंपियन को चुना गया है सभी क्षय रोग के बारे में जन जागरुकता फैला रहे हैं।

टीबी से बचाव के लिए क्या करें

दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आने पर बलगम की जांच कराएं, एक्स-रे कराएं, चिकित्सक द्वारा पुष्टि करने पर सावधानी बरतें।

टीबी के इलाज के लिए आपके टीबी अस्पताल अथवा जिला अस्पताल के डाद्स  सेंटर पर जाकर निशुल्क दवाएं लें।

 टीबी का पूरा कोर्स करें और समय पर दवा लें। जब तक डॉक्टर न कहे तब तक दवा बंद न करें।

 संतुलित आहार में योग व व्यायाम करते रहें।  

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