कानपुर में चलना जरा संभलकर.., खतरा हैं जीटी रोड पर 18 किमी में 156 गड्ढे
कानपुर शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली जीटी रोड पर 18 किमी पर गड्ढों में चलना मुश्किल है सबसे ज्यादा आइआइटी से गोल चौराहे तक हालत खराब है। इस आठ किमी रोड की मरम्मत का जिम्मा मेट्रो पर है लेकिन बारिश के बाद हालात और बदतर हो गए हैं।
कानपुर, जेएनएन। शहर की एक दर्जन से ज्यादा सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे हैं। इसमें पानी भर जाए तो वाहन सवारों को गड्ढों की गहराई का अंदाजा नहीं लग पाता और अनियंत्रित होकर गिर जाता है। यह स्थिति तब हैै जब मुख्यमंत्री लगातार सड़कों की गुणवत्ता को लेकर अधिकारियों को निर्देश देते रहते हैं।
शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली 18 किमी की जीटी रोड में आइआइटी से गोल चौराहे तक आठ किमी रोड की मरम्मत का जिम्मा मेट्रो का है। इसके आगे गोल चौराहे से रामादेवी तक 10 किमी जीटी रोड की मरम्मत का जिम्मा पीडब्ल्यूडी एनएच का है। इस पूरी सड़क में 156 छोटे व बड़े गड्ढे हैं। तीन दिन से लगातार हो रही बारिश ने तो स्थिति और भी बदतर कर दी है। गड्ढों में पानी भरने से वाहन सवारों को गहराई का अंदाजा नहीं लग पा रहा है। जिससे हादसे हो रहे हैं। जबकि इस सड़क से हर दिन 25 हजार वाहन गुजरते हैं। जीटी रोड को पिछले वर्ष 35 लाख खर्च करके गड्ढामुक्त किया गया था।
इन सड़कों में चलना मुश्किल
- किदवई नगर सोटे बाबा मंदिर चौराहा से मिक्की हाउस जाने वाली सड़क
- गोविंदनगर डीबीएस कालेज तिराहा से नंदलाल चौराहा जाने वाली सड़क
- फजलगंज चौराहा से बैंक आफ बड़ौदा चौराहा जाने वाली सड़क
- दादानगर से पनकी औद्योगिक क्षेत्र को जाने वाली सड़क
- तात्या टोपेनगर से कानपुर-इटावा हाईवे को जाने वाली सड़क
-डामर में पानी पडऩे से सड़क उखड़ जाती है। इस वजह से कई सड़क खराब हो गई हैं। मानसून खत्म होने के बाद अभियान चलाकर इसे ठीक कराया जाएगा। -केसी वर्मा, मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी
-बारिश में सड़कों को गड्ढामुक्त कर पाना संभव नहीं है। नगर निगम अपनी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए अभियान चलाएगा। -एसके सिंह, मुख्य अभियंता, नगर निगम