शिक्षा विभाग ने आत्मसात किया विज्ञान आओ करके सीखें का सूत्र, बच्चों तक चलकर जाएगी प्रयोगशाला

कानपुर में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से अनूठ पहल की जा रही है बस लैब में शिक्षक खेल-खेल में विज्ञान के चमत्कार दिखाकर बच्चों को शिक्षित करेंगे और बस हर विकासखंड में दो दिनों तक रहकर स्कूलों में जाएगी।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 02:24 PM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 08:57 AM (IST)
शिक्षा विभाग ने आत्मसात किया विज्ञान आओ करके सीखें का सूत्र, बच्चों तक चलकर जाएगी प्रयोगशाला
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को रुचिकर तरीके से विज्ञान सिखाने की पहल।

कानपुर, जेएनएन। विज्ञान को लेकर चर्चित कहावत है, विज्ञान आओ करके सीखें...। अब इस सूत्र को बेसिक शिक्षा विभाग ने आत्मसात कर लिया है और परिषदीय विद्यालयों को बच्च तक प्रयोगशाला अब चलकर पहुंचेगी। इसके माध्मय से उन्हें प्रशिक्षित टीचर आधुनिक उपकरणों से खेल-खले में विज्ञान के प्रयोगों से जानकारी देंगे।

वैसे तो विज्ञान के प्रयोगों को लेकर परिषदीय विद्यालयों के बच्चे कोई खास रुचि नहीं दिखाते हैं। हालांकि उनका रुझान इस ओर बढ़े और वह खेल-खेल में विज्ञान के प्रयोग सीख सकें, इसके लिए अब विभाग गली-गली बस लैब भेजने की तैयारी कर रहा है। विज्ञान के प्रयोगों से जुड़े आधुनिक उपकरणों से लैस बस में गुरुजी भी मौजूद रहेंगे। शिक्षक बच्चों को उनके पाठ्यक्रम व दैनिक जीवन से जुड़ी वस्तुओं से विज्ञान के प्रयोगों की जानकारी देंगे। यह बस हर विकासखंड में दो-दो दिन तक रुकेगी, जिसका रोस्टर बीएसए द्वारा तैयार कराया जा रहा है।

राष्ट्रीय आविष्कार लैब के उपकरण होंगे मददगार

बीएसए कार्यालय व विभिन्न स्कूलों में बनीं राष्ट्रीय आविष्कार लैब में जो उपकरण मौजूद हैं, उनकी मदद से ही बच्चों को प्रयोगों की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए लैब में मौजूद शिक्षक आइआइटी कानपुर के प्रोफेसरों से बात भी कर रहे हैं। कुछ जरूरी उपकरणों की उपलब्धता के लिए सभी एक साथ मंथन कर रहे हैं। स्कूल खुलते ही बस स्कूलों में पहुंचने लगेगी।

अभी तक बच्चे प्रयोगशाला में जाकर प्रयोगों से विज्ञान की जानकारी लेते थे। हालांकि अब उन्हें बस के माध्यम से विज्ञान के प्रयोग सीखाए जाएंगे। स्कूलों के शिक्षकों भी इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।-डॉ.पवन तिवारी, बीएसए कानपुर
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