महोबा में वकील की आत्महत्या के मामले से नाराज वकीलों ने की हड़ताल, Bar Council Of UP ने रखी ये मांग

Extortion Scandal UP सोमवार को पांच अन्य आरोपितों को भी किया गया गिरफ्तार। बार काउंसिल उप्र के सदस्य ने की एसपी-सीओ पर भी कार्रवाई की मांग। प्रकरण को गंभीरता से न लेने पर प्रदेश व्यापी आंदोलन की चेतावनी दी गई।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Mon, 15 Feb 2021 05:08 PM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 05:08 PM (IST)
महोबा में वकील की आत्महत्या के मामले से नाराज वकीलों ने की हड़ताल, Bar Council Of UP ने रखी ये मांग
कलेक्ट्रेट में एसडीएम को ज्ञापन देते हुए वकील।

महोबा, जेएनएन। Extortion Scandal Mahoba कबरई ब्लाक प्रमुख सहित पांच के विरुद्ध 60 लाख की अवैध वसूली का मुकदमा लिखाने वाले महोबा शहर के समदनगर निवासी अधिवक्ता मुकेश कुमार पाठक ने अपने आवास पर 13 फरवरी की रात खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में रविवार को सदर कोतवाली में दिवंगत वकील के पुत्र राहुल ने सदर कोतवाली में तहरीर देकर आरोपित ब्लाक प्रमुख छत्रपाल यादव, उसके भतीजे विक्रम यादव, आनंद मोहन यादव, रवि सोनी, मनीष चौबे, अंकित सोनी, अभय प्रताप सिंह के विरुद्ध धारा 306 में मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसमें ब्लाक प्रमुख तथा उसके भतीजे को रविवार शाम को ही जेल भेज दिया गया था। वहीं पांच अन्य आरोपितों को भी सोमवार को ब्लाक परिसर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। सदर कोतवाली प्रभारी अनूप कुमार दुबे ने बताया कि पांचों आरोपितों को भी उप जिला कारागार भेज दिया गया है। 

बार काउंसिल आॅफ उप्र के सदस्यों ने रखी मांगें 

बार काउंसिल आॅफ उप्र के सदस्य व उप्र अधिवक्ता महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष अजय कुमार शुक्ल ने भी दिवंगत अधिवक्ता मुकेश पाठक की खुदकुशी प्रकरण में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पत्र जारी करते हुए इस घटना के लिए स्थानीय ब्लाक प्रमुख छत्रपाल यादव द्वारा एसपी और सीओ के संरक्षण में की जा रही अवैध वसूली व उत्पीडऩ को जिम्मेदार बताया। उन्होंने एसपी व सीओ सहित सभी आरोपितों के विरुद्ध रासुका के तहत कार्रवाई किए जाने तथा दिवंगत अधिवक्ता के स्वजन को एक करोड़ की सहायता राशि दिलाए जाने की मांग की है।

क्या कहते हैं प्रांतीय अध्यक्ष

प्रांतीय अध्यक्ष अजय शुक्ल ने कहा कि सुसाइड नोट से स्पष्ट है कि आरोपितों द्वारा दिवंगत अधिवक्ता के पुत्र से 60 लाख की वसूली की गई। पुलिस से शिकायत करने पर आरोपित द्वारा अधिवक्ता को दुष्कर्म में फंसाने की धमकी दी गई। जिससे विवश होकर उनको खुदकुशी करनी पड़ी। यदि प्रकरण में गंभीरता नहीं बरती गई तो प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा। 

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