Kanpur Bank Strike: कानपुर में इस बार और भी लंबी हो सकती है बैंक कर्मियों की स्ट्राइक, राय-मशवरे के बाद बनेगी सहमति
Kanpur Bank Strike बैंकों के निजीकरण के खिलाफ सभी बैंक यूनियनों के बने यूनाइटेड फोरम ने पिछले माह दो दिन की हड़ताल की थी। इसके बाद अप्रैल में इसकी समीक्षा हुई। इस तय हुआ कि निजीकरण को टालने के लिए प्रधानमंत्री को पांच करोड़ हस्ताक्षर करा के भेजे जाएंगे।
कानपुर, जेएनएन। Kanpur Bank Strike: बैंकों के निजीकरण की घोषणा के विरोध में मार्च में दो दिन की हड़ताल कर चुके बैंक अधिकारी व कर्मचारी अब एक नए आंदोलन के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। 15 व 16 मार्च की हड़ताल की समीक्षा के लिए हुई बैठक में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के सभी घटकों ने लंबी हड़ताल की बात की है। अब सभी यूनियनों ने अपने अपने संगठनों को इसके लिए तैयार रहने के लिए है। हालांकि इसके पहले बहुत से और कार्यक्रम भी होंगे।
बैंकों के निजीकरण के खिलाफ सभी बैंक यूनियनों के बने यूनाइटेड फोरम ने पिछले माह दो दिन की हड़ताल की थी। इसके बाद अप्रैल में इसकी समीक्षा हुई। इस तय हुआ कि निजीकरण को टालने के लिए प्रधानमंत्री को पांच करोड़ हस्ताक्षर करा के भेजे जाएंगे। बैंकों में इस कार्यक्रम को शुरू भी कर दिया गया है। इसके लिए आए फार्मेट को बैंकों की शाखाओं में यूनियनों को दिया गया है जो वहां अधिकारियों, कर्मचारियों से इस पर हस्ताक्षर करा रही हैं। इसके साथ ही बैंक में आने वाले ग्राहकों से भी इस पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। इसके अलावा बैंक कर्मचारी बाजार और रेल व बस स्टेशन पर भी लोगों से इस पर हस्ताक्षर करा के प्रधानमंत्री को भेजेंगे। इसके साथ ही अगले आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है। बैंक यूनियनों के मुताबिक इस बार की हड़ताल ज्यादा लंबी हो सकती है। इसलिए फिलहाल सभी से इस पर राय भी मांगी जा रही है।