कानपुर में इस वर्ष आयकर रिटर्न में पहले से भरा होगा बैंक व डाकघर का ब्याज
इस व्यवस्था के अंतर्गत अब करदाता को सिर्फ अन्य स्रोतों से होने वाली आय की जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी क्योंकि रिटर्न में पहले से ही ये सभी जानकारियां होने की वजह से सामान्य रिटर्न में तो एकतरह से उसके पास भरने के लिए कुछ नहीं बचेगा।
कानपुर, जेएनएन। इस वर्ष आयकर के रिटर्न फाइल करने के दौरान वेबसाइट पर आयकर के पहले से भरे हुए रिटर्न में करदाताओं को बैंक व डाकघर के ब्याज के आंकड़े भी भरे हुए मिलेंगे। अभी तक केवल वेतनभोगी करदाताओं के मामले में ही टीडीएस प्रमाणपत्र फार्म 16 के आंकड़े रिटर्न में दिखते थे।
आयकर विभाग ने इस वर्ष से नई व्यवस्था दी है। इसमें आयकर की वेबसाइट से पहले से तमाम आंकड़े भरे हुए रिटर्न करदाताओं को मिलेंगे। इसका मतलब है कि आयकर विभाग के पास पहले से ही वह सूचनाएं होंगी और करदाता के रिटर्न में वह आटो पापुलेटेड तरीके से आ जाएंगे। अब जो रिटर्न आएगा उसमें स्टॉक एक्सचेंज में संबद्ध या सूचीबद्ध शेयर प्रतिभूतियों की बिक्री से हुए कैपिटल गेन, शेयर के लाभांश व बैंक या पोस्ट आफिस से मिले ब्याज की धनराशि भी नजर आएंगी। पैन का डाटा बेस आयकर विभाग के पास होने की वजह से विभाग के लिए यह मुमकिन हो सका है कि करदाता पहले से अपनी तमाम सूचनाएं ना दे लेकिन विभाग के पास वे सूचनाएं अपने आप रहेंगी।
इस व्यवस्था के अंतर्गत अब करदाता को सिर्फ अन्य स्रोतों से होने वाली आय की जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी क्योंकि रिटर्न में पहले से ही ये सभी जानकारियां होने की वजह से सामान्य रिटर्न में तो एकतरह से उसके पास भरने के लिए कुछ नहीं बचेगा। इसमें एक और व्यवस्था है कि यदि आटो पापुलेटेड डाटा में कोई गलती होने पर उसे करदाता संशोधित भी कर सकेंगे। इस संबंध में चार्टर्ड अकाउंटेंट शिवम ओमर का कहना है कि करदाताओं के लिए यह बहुत अच्छी व्यवस्था आ रही है। अब करदाताओं को रिटर्न फाइल करना बहुत ही आसान हो जाएगा।