बांदा: भाईदूज पर बहन से तिलक कराकर घर से निकला था सुपरवाइजर, हाईवे में नो इंट्री पर खड़े ट्रक से भिड़ी बाइक, हुई मौत
फतेहपुर जनपद के ललौनी थाना अंतगर्त ग्राम सिधांव निवासी जयपाल कुशवाहा का 33 वर्षीय पुत्र दीपू सुल्तानपुर जनपद की एक एग्रीकल्चर कंपनी में सुपर वाइजर था। शनिवार शाम वह घर से कंपनी की एक डील के लिए किसानों से बात करने अतर्रा कस्बे की ओर गया था।
बांदा, जागरण संवाददाता। रोड पर नो इंट्री में खड़े होने वाले ट्रक हादसों का सबब बन रहे हैं। झांसी-मीरजापुर राष्ट्रीय राज मार्ग में बाइक खड़े ट्रक से टकराने में सुपरवाइजर की मौत हो गई। घटना के समय वह कंपनी की डील कर वापस लौट रहा था। घटना से स्वजन बेहाल हैं। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर लिखा-पढ़ी की है।
फतेहपुर जनपद के ललौनी थाना अंतगर्त ग्राम सिधांव निवासी जयपाल कुशवाहा का 33 वर्षीय पुत्र दीपू सुल्तानपुर जनपद की एक एग्रीकल्चर कंपनी में सुपर वाइजर था। शनिवार शाम वह घर से कंपनी की एक डील के लिए किसानों से बात करने अतर्रा कस्बे की ओर गया था। वहां से देररात वापस बाइक से अपने घर लौट रहा था। रास्ते में शहर कोतवाली क्षेत्र के अतर्रा चुंगी चौकी ब्रेकर के पास नो इंट्री की वजह से रोड पर खड़े ट्रक से बाइक भिड़ गई। जोरदार भिड़ंत में बाइक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई। टकराने की आवाज सुनकर पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे तो बाइक सवार सुपरवाइर लहूलुहान पड़ा मिला। पुलिस कर्मी आनन-फानन उसे ई रिक्शे से जिला अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने उसे देखकर मृत घोषित कर दिया। इससे पुलिस ने सुपरवाइजर के मोबाइल में मिले नंबरों से स्वजन को मामले की सूचना दी। छोटे भाई जीतू ने बताया कि वह कंपनी की ओर से किसानों के खेत में फूलों के पौधे, सौगान आदि पौधे एग्रीमेंट कर तैयार करके देते थे। इसी काम को लेकर वह घर से निकले थे। वापस लौटते समय रास्ते में हादसा हुआ है। रोड पर खड़े ट्रक हादसे की वजह बने हैं। ट्रक की पार्किंग लाइट भी नहीं चल रही थी। उनके एक बेटा व एक बेटी है। हादसे को लेकर पत्नी सुमन समेत अन्य स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। कोतवाली निरीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि अभी स्वजन की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है।
दीपावली को लेकर लौटा था घर, भाईदूज पर कराया था तिलक
स्वजन ने बताया कि वह दीपावली के एक दिन पहले सुल्तानपुर से त्योहार करने के लिए वापस गांव लौटा था। हादसे के दिन उसने घर में बहन पिंकी व रिंकी से दूज का तिलक कराया था। घर में सभी लोग उसके गांव आने से खुश थे। उन्हें नहीं पता था कि वह घर से जाने के बाद दोबारा कभी वापस नहीं लौटेगा।