बांदा कृषि विवि में शिक्षा और शोध काे मिलेगा बढ़ावा, प्रो. नरेंद्र प्रताप बने यूनिवर्सिटी के नए कुलपति
डा. एनपी सिंह एक जनवरी 2014 से आइआइपीआर के निदेशक रहे। उनके कार्यकाल में दालों की 100 से अधिक प्रजाति विकसित हुई हैं। अकेले उन्होंने 63 नई प्रजाति के विकास में सहयोग किया है। इसमें सुपरफास्ट मूंग प्रोटीन युक्त चना ग्रीन मटर आदि शामिल हैं।
बांदा, जेएनएन। राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर के निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र प्रताप सिंह को बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से तीन वर्ष का होगा। यह जानकारी राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने दी है। भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आइआइपीआर) के निदेशक डा. एनपी सिंह ने बातचीत के दौरान कहा कि शिक्षा और शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। फसलों की नई प्रजातियों पर जोर रहेगा। विश्वविद्यालय की रैंकिंग सुधारने का प्रयास होगा।
डा. एनपी सिंह एक जनवरी 2014 से आइआइपीआर के निदेशक रहे। उनके कार्यकाल में दालों की 100 से अधिक प्रजाति विकसित हुई हैं। अकेले उन्होंने 63 नई प्रजाति के विकास में सहयोग किया है। इसमें सुपरफास्ट मूंग, प्रोटीन युक्त चना, ग्रीन मटर आदि शामिल हैं। डा. सिंह ने बताया कि वह आइआइपीआर में 1990 से हैं। एक जनवरी 2007 से शोधकर्ता प्रबंधन के राष्ट्रीय संयोजक हैं। उनके निदेशक रहते हुए संस्थान के बीकानेर, भोपाल, धारवाड़ और भुवनेश्वर में केंद्र खुले हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र में दलहन और तिलहन की फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा। विश्वविद्यालय की रैंक में सुधार करने का प्रयास रहेगा। नए प्रोजेक्ट, शोध और उद्यमिता विकास की प्लाङ्क्षनग की जाएगी। बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं।
सीएसए की उपलब्धियां नैक के मानक पर करें तैयार : राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) के कुलपति व अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि सारी उपलब्धियां नैक के मानकों पर तैयार की जाएं। सांस्कृतिक गतिविधियों, खेलकूद, सेमिनार, पूर्व छात्र सम्मेलन, रोजगार मेले जैसे कार्यक्रमों को बढ़ावा देें। मूल्यांकन में ए प्लस ग्रेड प्राप्त करने वाले आठ से दस विश्वविद्यालयों से संपर्क कर उनके अनुभवों व सुझाव के आधार रिपोर्ट बनाएं। वह मंगलवार को राजभवन में सीएसए के राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) के स्वमूल्यांकन रिपोर्ट सुन रहीं थी।