जिला पंचायत की चार अनारक्षित सीटों पर पिछड़ा वर्ग का कब्जा

जिला पंचायत के चुनाव में इस बार पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों का दबदबा रहा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 01:47 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 01:47 AM (IST)
जिला पंचायत की चार अनारक्षित सीटों पर पिछड़ा वर्ग का कब्जा
जिला पंचायत की चार अनारक्षित सीटों पर पिछड़ा वर्ग का कब्जा

जागरण संवाददाता, कानपुर : जिला पंचायत के चुनाव में इस बार पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों का दबदबा रहा है। खुद के लिए आरक्षित सीटों पर इस जाति के प्रत्याशियों को तो जीतना ही था, अनारक्षित और महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर भी इस जाति के उम्मीदवारों ने परचम लहराया। अनारक्षित 10 में से चार तो महिलाओं के लिए आरक्षित पांच सीटों में से दो पर पिछड़ी जाति के उम्मीदवारों की जीत हुई है। वहीं महिलाओं के लिए आरक्षित एक सीट पर अनुसूचित जाति की महिला ने जीत दर्ज की है। 32 सदस्यीय सदन में पिछड़ी जाति के 14 जिला पंचायत सदस्य हैं।

जिला पंचायत का अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। 32 सीटों वाले सदन में जिस पार्टी को 17 सदस्यों का समर्थन होगा, उसी का अध्यक्ष बनेगा। चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए छह, अनुसूचित जाति महिला के लिए तीन, पिछड़ी जाति के लिए पांच, पिछड़ी जाति महिला के लिए तीन सीटें आरक्षित की गई थीं। इसी तरह अनारक्षित सीटों की संख्या 10 और महिलाओं के लिए पांच सीटें थीं। इसमें पिछड़ी जाति के सबसे ज्यादा प्रत्याशियों को जीत मिली। महिलाओं के लिए आरक्षित ककवन सीट पर सपा से चुनाव लड़ीं अनुसूचित जाति की मीना गौतम सदस्य बनी हैं। उनकी जीत के साथ ही सदन में अनुसूचित जाति के सदस्यों की संख्या 10 हो गई, क्योंकि नौ सीटों पर इस जाति का आरक्षण है। अनारक्षित सीटों की बात करें तो बिलहन से पिछड़ी जाति के कृष्ण मुरारी पाल, नर्वल से मनोज यादव, सिकठिया से कमलेश निषाद, बेहटा बुजुर्ग से प्रीती यादव ने जीत दर्ज की है। महिलाओं के लिए आरक्षित सीट परसा से पिछड़ी जाति की सुमन व बिन्नौर से सुनीता यादव जीती हैं। इस सदन में अनुसूचित जाति के 10, पिछड़ी जाति के 14 सदस्य होंगे, जबकि सामान्य जाति के सदस्यों की संख्या आठ होगी।

chat bot
आपका साथी