पूर्व सांसद को भर्ती कराने के लिए लेना पड़ा अधिकृत पत्र

जिला प्रशासन ने नर्सिंग होम तय किए हैं जहां कोरोना मरीजों को भर्ती के लिए जुगाड़ लगाना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 02:16 AM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 02:16 AM (IST)
पूर्व सांसद को भर्ती कराने के लिए लेना पड़ा अधिकृत पत्र
पूर्व सांसद को भर्ती कराने के लिए लेना पड़ा अधिकृत पत्र

जागरण संवाददाता, कानपुर : जिला प्रशासन ने नर्सिंग होम तय किए हैं, जहां कोरोना मरीज भर्ती किए जाने की बात कही गई है। इनमें ज्यादातर नर्सिंगहोम में हालात ये हैं कि बिना सीएमओ की चिट्ठी के मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। यहां तक कि पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र को भी भर्ती कराने के लिए पूरी रात मशक्कत करनी पड़ी। सुबह उन्हें स्वरूप नगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। अलग-अलग नर्सिंगहोम के प्रभारी बनाए गए एसीएम भी लाचार हैं। एक पीड़ित ने फोन किया तो एक एसीएम ने तो यहां तक कह दिया कि वह खुद अपने परिचित को भर्ती नहीं करा पा रहे हैं। वह कोविड कंट्रोल रूम में मिला लें।

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केस : एक

पूर्व सांसद श्याम बिहारी मिश्र को हृदय संबंधी समस्या होने पर हृदय रोग संस्थान में भर्ती कराया गया था। रविवार को वे कोरोना संक्रमित मिले तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें कोविड अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा। परिजन रात भर भटकते रहे, लेकिन बात नहीं बनी। सोमवार सुबह जब नगर निगम कंट्रोल रूम से भर्ती कराने के लिए पत्र मिला तब जाकर दोपहर करीब एक बजे उन्हें भर्ती कराया जा सका। हालांकि इसमें डीएम ने मदद की तब यह सबकुछ संभव हो सका।

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केस : दो

के ब्लॉक यशोदा नगर निवासी महिला कोरोना संक्रमित हो गईं। छह दिन से होम आइसोलेशन में रहीं। सोमवार को अचानक ऑक्सीजन लेवल घटने पर सुबह से लेकर शाम तीन बजे तक करीब आठ घंटे तक सीएमओ से लेकर अफसरों को स्वजन ने फोन किए पर भर्ती नहीं करने को लेकर सभी ने हाथ खड़े कर दिए। बेड की समस्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए डॉक्टरों के नंबर स्विच ऑफ मिले तो कंट्रोल रूम में भी टालमटोल होता रहा। स्वजन ने घर पर ही किसी तरह ऑक्सीजन का इंतजाम किया। --------

केस : तीन बर्रा निवासी एक कोरोना पीड़ित अस्पताल में भर्ती हैं। उनके फेफड़ों में दिक्कत होने पर शुक्रवार को एक इंजेक्शन की जरूरत पड़ गई। उसके लिए कानपुर की दवा मार्केट से लेकर लखनऊ-दिल्ली तक के बाजार में संपर्क किया। इंजेक्शन कहीं नहीं मिला। इसके बाद कानपुर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे के अफसरों से संपर्क करने पर भी बात नहीं बनी। फिर भाजपा के दो विधायकों व कुछ अन्य नेताओं के फोन करने पर तीसरे दिन रविवार को मिल सका तब राहत की सांस ली।

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