किताब-कलम छोड़कर बेटियों ने थामे मिट्टी के तसले, सड़क सुधार कर सरकारी सिस्टम को दिखाया आईना
औरैया के अच्छलदा ब्लाक के पाता गांव से बिधूना तक 14 किमी सड़क पर गड्डों की वजह से आवागमन में परेशानी देखकर छात्राओं ने मिट्टी डालकर चलने लायक बना दिया है। पांच साल पहले छह करोड़ रुपये की लागत से बनी जगह-जगह उखड़ गई है।
औरैया, जागरण संवाददाता। स्कूल-कालेज जाने वाले अच्छलदा की बेटियां उस समय सुर्खियों में छा गईं, जब उन्होंने किताब-कलम छोड़कर हाथों में तसले थाम लिये। इन छात्राओं ने सरकारी सिस्टम को आइना दिखाने का काम किया तो लोगों ने उनके प्रयास की सराहना भी की। स्कूल जाने में परेशानी होने पर आहत छात्राओं ने मिट्टी डालकर 14 किमी की सड़क को सुधार दिया। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की अनदेखी के चलते छात्राएं खुद ही गड्ढे पाटने के लिए खुद सड़क पर उतर आईं।
अच्छलदा के पाता गांव के हनुमान मंदिर के पास बिधूना मार्ग जर्जर हाल में है और आए दिन हादसे हो रहे हैैं। पाता गांव से बिधूना तक 14 किमी सड़क को लगभग पांच वर्ष पूर्व छह करोड़ रुपये से लोक निर्माण विभाग द्वारा बनवाया गया था। कुछ ही समय में सड़क टूटने के साथ गुणवत्ता की पोल खुल गई। गड्ढों में समा रही सड़क दुरुस्त कराने की गुहार पर पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने ध्यान ही नहीं दिया। इसकी वजह से लोग गिर-गिरकर चुटहिल हो रहे थे। इस सड़क से रोजाना कई गांवों की छात्राएं साइकिल और पैदल राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आती जाती हैं। स्कूल-कालेज जाने में परेशानी उठा रही छात्राओं की शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हुई तो प्रशासन को आईना दिखाते हुए कई तसले मिट्टी डालकर सड़क को चलने काबिल बना डाला।
अफसरों की अनदेखी से नाराज विद्यालय की छात्राओं चंचल, कौशिकी, मुस्कान, मोनिका, चांदनी, स्वेता, सोनम व शिवा ने तसला-फावड़ा उठाया और सड़क पर मिट्टी डालकर गड्ढे पाट दिए। उनका कहना है कि लोगों की समस्या कोई अफसर देखने को तैयार नहीं है। ऐसे में खुद ही गड्ढे पाटने का काम शुरू किया। ग्राम प्रधान संजीव यादव का कहना है कि कई बार प्रशासन को अवगत कराया लेकिन सड़क की मरम्मत नहीं हुई। पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अनिल कुमार दोहरे ने कहा कि बदहाल सड़कें दुरुस्त कराने का काम कई जगह शुरू कराया है।