कानपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला, डीएम के निर्देश पर कमेटी ने मांगे रिकार्ड

सीडीओ डा. महेंद्र कुमार एडीएम सिटी अतुल कुमार एवं एसीएमओ डा. सुबोध प्रकाश मेडिकल कालेज पहुंचे थे। उन्होंने सबसे पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण की व्यवस्था समझी। उन्हेंं बताया गया कि कोविड हास्पिटल की सिस्टर इंजार्च फोन पर फार्मासिस्ट को डिमांड देती थीं।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 02:36 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 02:36 PM (IST)
कानपुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का मामला, डीएम के निर्देश पर कमेटी ने मांगे रिकार्ड
कोविड हास्पिटल की सिस्टर इंजार्च फोन पर फार्मासिस्ट को डिमांड देती थीं

कानपुर, जेएनएन। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल (हैलट) के न्यूरो साइंस सेंटर के कोविड हास्पिटल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की हेराफेरी की जांच शुक्रवार को जिलाधिकारी की ओर से गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने शुरू कर दी है। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अगुवाई में गठित जांच कमेटी ने मेडिकल कालेज आकर इंजेक्शन आवंटन के रिकार्ड मांगे हैं। साथ ही मेडिकल कालेज की उप प्राचार्य, हैलट की प्रमुख अधीक्षक, सिस्टर इंजार्च, फार्मासिस्ट समेत कइयों के बयान भी लिए।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की हेराफेरी की जांच करने शुक्रवार को सीडीओ डा. महेंद्र कुमार, एडीएम सिटी अतुल कुमार एवं एसीएमओ डा. सुबोध प्रकाश मेडिकल कालेज पहुंचे थे। उन्होंने सबसे पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण की व्यवस्था समझी। उन्हेंं बताया गया कि कोविड हास्पिटल की सिस्टर इंजार्च फोन पर फार्मासिस्ट को डिमांड देती थीं।

वह उसका इंडेंट तैयार कर मेन स्टोर को भेजते थे। इंजेक्शन आने के बाद सिस्टर इचार्ज को हैंडओवर कर दिया जाता था, लेकिन सिस्टर इंचार्ज उसकी रिसीव नहीं करती थीं। इसमें गड़बड़ी यह रही कि इंजेक्शन का इंडेंट सिस्टर इंचार्ज ने नहीं बनाया, जबकि उन्हेंं बनाया चाहिए था। दूसरी गड़बड़ी रही कि इंजेक्शन देने के बाद फार्मासिस्ट ने उसकी रिसीविंग भी नहीं ली। सीडीओ डा. महेंद्र कुमार का कहना है कि मेडिकल कालेज प्रशासन ने स्टोर से लेकर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटन का पूरा रिकार्ड मांगा है। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए कौन जिम्मेदार अफसर है, इसकी भी जानकारी मांगी है। इसके अलावा कालेज प्रशासन की ओर से अपने स्तर से की गई जांच की रिपोर्ट भी मांगी है। उसके आधार पर ही आगे की जांच की जाएगी।

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