ATS आतंकियों से कानपुर से जुड़ा कोई राज न उगलवा सका, फिर भेजे गए न्यायिक अभिरक्षा में

11 जुलाई 2021 को लखनऊ से गिरफ्तार किए गए अलकायदा आतंकवादी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन को 14 दिनों के रिमांड पर लिया था। दोनों आतंकियों में मिनहाज के कानपुर से गहर संबंध सामने आए थे। वहीं मिनहाज का दाहिना हाथ शकील भी कानपुर से पूरी तरह से वाकिफ था

By Akash DwivediEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 11:33 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 11:33 AM (IST)
ATS आतंकियों से कानपुर से जुड़ा कोई राज न उगलवा सका, फिर भेजे गए न्यायिक अभिरक्षा में
आतंकी गतिविधियों में लिप्त दूसरे लोगों को पकडऩे की तैयारी

कानपुर, जेएनएन। अलकायदा आतंकी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन बुधवार को 14 दिनों की रिमांड पूरी होने पर दोबारा न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिए गए। रिमांड अवधि में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) उनसे कानपुर से जुड़ा कोई बड़ा राज नहीं उगलवा सका। कुछ जानकारियों के आधार पर अब उनके मददगार व आतंकी गतिविधियों में लिप्त दूसरे लोगों को पकडऩे की तैयारी है।

एटीएस ने 11 जुलाई 2021 को लखनऊ से गिरफ्तार किए गए अलकायदा आतंकवादी मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन को 14 दिनों के रिमांड पर लिया था। दोनों आतंकियों में मिनहाज के कानपुर से गहर संबंध सामने आए थे। वहीं, मिनहाज का दाहिना हाथ शकील भी कानपुर से पूरी तरह से वाकिफ था। माना जा रहा था कि रिमांड के दौरान आतंकियों से गहरे राज उगलवाने में मदद मिलेगी, लेकिन कोई खास सफलता नहीं मिली। सूत्रों के मुताबिक, एटीएस को कानपुर से जुड़ी जो भी जानकारियां मिली हैं, उनके आधार पर संदिग्धों की पहचान तो हो गई है, मगर उन्हेंं गिरफ्तार करने के लिए पुख्ता सुबूत नहीं जुटाए जा सके। बिल्डर, प्रोफेसर और मोबाइल सिमकार्ड दिलाने वालों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिला। कानपुर में आतंकियों का अर्थतंत्र भी सामने आया है। 22 बैंक अकाउंट में नौ में विदेशी लेनदेन पकड़ा गया है, मगर इनसे जुड़े अधिकांश लोग फरार हैं। कुल मिलाकर एटीएस को फरार करीब एक दर्जन लोगों की तलाश है। इनके पकड़े जाने के बाद ही एटीएस आगे कुछ कार्रवाई कर सकेगी। वहीं, यह राज भी सामने नहीं आ सका कि शकील ने पिस्टल खरीदने के लिए किससे संपर्क किया था और बम विस्फोट के लिए बारूद देने वाले कौन थे।

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