चीन और फिलीपींस में इस्तेमाल हो रहे प्री एक्टिवेटेड भारतीय सिम, एटीएस के हाथ लगे अहम सुराग

संभल में छह माह पहले पकड़े गए प्री एक्टीवेटेड सिम बेचने वाले गिरोह की जांच में एटीएस को अहम सुराग मिले हैं। अब तक चार चीनी नागरिकों को जेल भेजा जा चुका है। अब ठगी या राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में सिम के इस्तेमाल के बारे में पता लगाया जा रहा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 10:00 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 10:00 AM (IST)
चीन और फिलीपींस में इस्तेमाल हो रहे प्री एक्टिवेटेड भारतीय सिम, एटीएस के हाथ लगे अहम सुराग
एटीएस कर रही प्री एक्टीवेटेड सिम की जांच।

कानपुर, [गौरव शंकर दीक्षित]। संभल में छह महीने पहले पकड़े गए प्री एक्टिवेटेड सिम बेचने वाले गिरोह की जांच में एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) को काफी महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। पता चला है कि सैकड़ों प्री एक्टिवेटेड भारतीय सिम चीनी नागरिक प्रयोग कर रहे हैं। ये सिम भारत ही नहीं बल्कि चीन और फिलीपींस में भी सक्रिय हैं। इस पर कालिंग के बजाय सिर्फ वाट्सएप इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि जांच एजेंसी अब तक यह पता नहीं लगा सकी है कि चीनी ये सिम का प्रयोग केवल साइबर ठगी के लिए कर रहे हैं या इसके पीछे कोई राष्ट्र विरोधी साजिश भी है। हालांंकि अब तक जो घटनाक्रम है, उससे एटीएस के कान जरूर खड़े हो रहे हैं कि कहीं दाल में काला जरूर है। ऐसे में इस मामले में अब उच्च एजेंसियों को भी शामिल किया जा सकता है।

एटीएस की मेरठ इकाई ने 16 जनवरी 2021 को प्री एक्टिवेटेड सिम बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था, जिसमें 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपित संभल और मेरठ के रहने वाले हैं। एटीएस ने उसी दिन इनमें 11 लोगों को गिरफ्तार लिया था। शुरुआत में यह मामला केवल ऑनलाइन ठगी से जोड़कर देखा जा रहा था। इस प्रकरण की जांच एटीएस कानपुर प्रभारी इंस्पेक्टर पंकज मिश्रा कर रहे हैं। पुलिस अब तक इस प्रकरण में चार चीनी नागरिकों समेत 20 लोगों को जेल भेज चुकी है। इनमें से एक चीनी महिला भी है, जबकि एक महिला अब तक एटीएस की पकड़ से दूर है। मुख्य आरोपित चीनी को छोड़कर शेष 19 लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।

इस प्रकरण में एटीएस ने जब प्री एक्टिवेटेड सिम की जानकारी करने को आरोपितों के मोबाइल फोन की आइएमआइ को रन कराया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि गिरोह ने गिरफ्तारी से पहले करीब ढाई हजार मोबाइल सिम प्री एक्टिवेट किए थे, जिसमें से करीब पांच सौ सिम चीनी नागरिकों के हाथों में हैं।

मुख्य चीनी आरोपित की गिरफ्तारी से बढ़ा संशय

इस मामले में एटीएस ने चीन के हेवई प्रोविंस में रहने वाले हानजुनवेई, जुजुंफू, सुनजीयिंग और महिला आरोपित लिटेंगली को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपित हानजुनवेई को छोड़कर शेष जनवरी के अंतिम सप्ताह में ही गिरफ्तार हो गए थे, जबकि हानजुनवेई को 10 जून को भारत-बांग्लादेश सीमा पर पश्चिम बंगाल के मालदा जनपद में घुसपैठ करते वक्त बीएसएफ ने पकड़ा था। वह मुकदमा दर्ज होने से पहले ही चीन चला गया था और जब उसे यहां एटीएस की कार्रवाई की जानकारी हुई तो बांग्लादेश के रास्ते चोरी-छिपे देश में घुस रहा था। जिस स्थान से वह इंट्री कर रहा था, वहां से आतंकी घुसपैठ करते हें। एटीएस ने हान को दो से 15 जुलाई तक अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की, लेकिन उससे कुछ ज्यादा उगलवाया नहीं जा सका है।

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