महोबा में दुष्कर्म मामले में सहायक चकबंदी अधिकारी की बढ़ी मुसीबत, पीडि़ता महिला लेखपाल ने बयान में लगाए आरोप
कुलपहाड़ चकबंदी कार्यालय में तैनात लेखपाल ने अपने साथ काम करने वाली महिला लेखपाल को पहले प्रेमजाल में फंसाया था। फिर शादी का झांसा देकर उससे दुष्कर्म किया था। शादी करने से इन्कार करने पर पीडि़ता ने कुलपहाड़ कोतवाली में आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
महोबा, जेएनएन। महिला लेखपाल से दुष्कर्म मामले में मुख्य आरोपित लेखपाल के साथ ही कुलपहाड़ चकबंदी कार्यालय के सहायक चकबंदी अधिकारी की भी मुसीबत बढ़ गई है। पीडि़ता ने उनके खिलाफ भी बयान दर्ज कराए हैं।
कुलपहाड़ चकबंदी कार्यालय में तैनात लेखपाल ने अपने साथ काम करने वाली महिला लेखपाल को पहले प्रेमजाल में फंसाया था। फिर शादी का झांसा देकर उससे दुष्कर्म किया था। पीडि़ता ने जब आरोपित से शादी की बात कही तो वह भड़क गया। बाद में पीडि़ता ने कुलपहाड़ कोतवाली में आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पीडि़ता की तहरीर के अनुसार, सहायक चकबंदी अधिकारी पर भी आरोपित को बचाने और धमकाने के मामले का मुकदमा दर्ज है।
शनिवार को पीडि़ता ने दर्ज धारा 161 के तहत दर्ज कराए गए बयान में कहा कि आरोपित को बचाने के लिए सहायक चकबंदी अधिकारी मनोज कुमार मिश्रा भी जुटे थे। उन्होंने उस पर सुलह का दबाव बनाने के लिए एक कागज पर हस्ताक्षर करा लिए थे। इससे सहायक चकबंदी अधिकारी भी फंसते दिख रहे हैं। वहीं, सोमवार को मुख्य आरोपित लेखपाल विजय नारायण यादव की पत्नी भी कुलपहाड़ कोतवाली पहुंची। उसने पुलिस को बताया कि पति सड़क दुर्घटना में घायल होने के कारण कानपुर स्थित एलएलआर अस्पताल में भर्ती हैं। कोतवाली प्रभारी महेंद्र प्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि अभी पीडि़ता के धारा 164 के तहत बयान दर्ज होने हैं। मुख्य आरोपित लेखपाल के साथ सहायक चकबंदी अधिकारी के खिलाफ भी पीडि़ता ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। उल्लेखनीय है कि पीडि़ता के साथ आरोपित लेखपाल विजय नारायण यादव ने पहले दोस्ती का नाटक किया। इसके बाद प्रेमजाल में फंसाकर खुद को अविवाहित बता शारीरिक संबंध बनाए थो। जब पीडि़ता ने शादी के लिए दबाव डाला तो वह मुकर गया था।