कानपुर: दस हजार प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड केस में सामने आया मथुरा के जमाती का असम कनेक्शन

Assam Fake Mobile Sim Card Case पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि प्रीएक्टिवेट सिम बेचने वाले गिरोह के रोहिंग्या कनेक्शन से इन्कार नहीं किया जा सकता है। रोहिंग्या का असम से संबंध जगजाहिर है। मामला गंभीर है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 06:50 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:25 PM (IST)
कानपुर: दस हजार प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड केस में सामने आया मथुरा के जमाती का असम कनेक्शन
फर्जी सिम कार्ड मामले से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, [गौरव दीक्षित]। Assam Fake Mobile Sim Card Case असम के दो युवकों द्वारा एक साल में 10 हजार सिमकार्ड अवैध तरीके से प्रीएक्टिवेट करने के मामले में एक और बड़ा राजफाश हुआ है। जांच में मथुरा के एक युवक का नाम सामने आया है, जो जमाती बनकर असम जाता था और वहां से थोक के भाव प्रीएक्टिवेट सिम लाकर क्षेत्र में ठगों और अपराधी गिरोहों को बेचता था। पुलिस को अब मथुरा के इस युवक की तलाश है। गिरोह के तार बंगाल और ओडिशा से भी जुड़े हैं। कुछ आइएमईआइ नंबर यहां से भी मिले हैं। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक, पूरी संभावना है कि जांच खत्म होने तक प्रीएक्टिवेट सिमों की संख्या 10 हजार से दो गुनी तक हो सकती है।  

गोविंदनगर में ओएलएक्स पर ठगी के एक मामले में क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला है कि असम के बारपेटा में दो युवकों ने एक साल के भीतर 10 हजार से अधिक प्रीएक्टिवेट सिम बेच डाले। अफसरों के मुताबिक, असम के इन युवकों से सिम खरीदने वालों में मथुरा के गोवर्धन थानाक्षेत्र का एक युवक है। इसके बारे में पता चला है कि यह जमात में शामिल होकर असम जाकर बारपेटा से एक बार में चार-पांच सौ सिमकार्ड खरीद लाता था। उसके जमात का हिस्सा होने से रास्ते में कहीं पुलिस चेकिंग नहीं होती थी। ऐसा वह सालों से कर रहा था। 

500 का सिमकार्ड, तीन गुना तक मुनाफा: क्राइम ब्रांच के एडीशनल डीसीपी दीपक भूकर ने बताया कि गोविंदनगर में दर्ज मुकदमे में दो संदिग्ध युवकों के पकड़े जाने पर मथुरा के युवक का पता चला। मथुरा आकर सिमकार्ड डेढ़ से दो हजार रुपये में बेचता था। अलवर, भरतपुर, मेवात और नूंह के ठग गिरोहों के साथ दूसरे अपराधी भी इससे सिम खरीदते थे।  

सभी सिम एयरटेल के, कंपनी को होश नहीं: पता चला है कि सभी प्रीएक्टिवेट सिम एयरटेल कंपनी के ही हैं। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि  यह भी जांच का विषय है कि दो युवक इतने बड़े पैमाने पर सिम प्रीएक्टिवेट करते रहे और कंपनी को पता तक नहीं चला। 

रोहिंग्या कनेक्शन से इन्कार नहीं, असम पुलिस से होगी बात: पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि प्रीएक्टिवेट सिम बेचने वाले गिरोह के रोहिंग्या कनेक्शन से इन्कार नहीं किया जा सकता है। रोहिंग्या का असम से संबंध जगजाहिर है। मामला गंभीर है। इसलिए असम पुलिस से बात करने की कोशिश की जा रही है, जिससे असम के उन युवकों को गिरफ्तार करके गिरोह की कमर तोड़ी जा सके।  

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