जालौन : अन्ना मवेशियों ने किसानों की रौंदी 50 बीघा फसल, ब्लाक परिसर में किया हंगामा
खरीफ की फसल की अधिकतर बोआई जुलाई मध्य तक हो जाती है जिसमें किसान उर्द मूंग ज्वार बाजरा सोयाबीन तिल और धान की फसल बोते हैं। बुधवार रात उदनपुर गांव में लगभग दो सौ अन्ना जानवरों के झुंड ने खेतों में धावा बोल दिया
जालौन, जेएनएन। जिले में अन्ना जानवरों से किसानों को मुक्ति नहीं मिल पा रही है। करोड़ों खर्च करने के बाद भी इस अन्ना पशुओं को गोशालाएं में रखने की व्यवस्था नहीं बन पा रही है। ऐसे में हर रोज किसानों की फसलें चौपट हो रही है। बुधवार को रात्रि जिले के कदौरा क्षेत्र के ग्राम उदनपुर में अन्ना जानवरों ने किसानों की बोई गई 50 बीघे खरीफ की फसल को रौंद कर बर्बाद कर दिया। सुबह जब किसान खेतों में पहुंचे तो पूरी फसल चौपट मिली। किसानों ने फसल चौपट होने के बाद काफी हंगामा भी किया। ग्रामीणों ने बीडीओ से मुआवजे की मांग की है।
खरीफ की फसल की अधिकतर बोआई जुलाई मध्य तक हो जाती है जिसमें किसान उर्द, मूंग, ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, तिल, और धान की फसल बोते हैं। बुधवार रात उदनपुर गांव में लगभग दो सौ अन्ना जानवरों के झुंड ने खेतों में धावा बोल दिया और पूरी फसल चर कर नष्ट कर डाली। किसान रवि, चत्तर सिंह, पप्पू, जितेंद्र कुमार, हरीशंकर, भगवानदास, सरमन, भान सिंह, रामखिलावन, मनोज बाबू, गंगा व मोहर सिंह की मूंग, उर्द, तिल, ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, धान आदि की फसल बर्बाद हुई है। गुरुवार सुबह जब किसान अपने- अपने खेतों पर पहुंचे तो बर्बाद फसल को देख होश उड़ गए। किसानों ने बताया कि कम से कम डेढ़ से दो सौ अन्ना मवेशियों के झुंड़ उदनपुर के आसपास घूम रहा है। बोई गई फसल को रौंद कर बर्बाद कर रहे हैं। किसानों ने बताया कि सरकार ने जो गोशालाएं बनवाई हैं वह खाली पड़ी हैं। अन्ना जानवर खेतों में घुसकर फसलें बर्बाद कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उनका काफी नुकसान हुआ है। किसानों ने ब्लाक पहुंचकर बीडीओ को शिकायती पत्र दिया है।
हादसों का कारण बन रहे जानवर : गोशालाओं से अन्ना जानवरों को बाहर छोड़ दिया गया है जिससे वह सड़कों पर घूमकर लोगों के हादसों का कारण भी बन रहे हैं। वह दिन भर हाइवे व गांवों के संपर्क मार्गों के किनारों पर बैठते हैं और वाहन चालकों के निकलने पर भाग खड़े होते हैं जिससे वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो जाता है।
इनका ये है कहना
बीडीओ अतिरंजन सिंह का कहना है कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है क्योंकि वह छुट्टी पर हैं। फिर भी अगर किसानों का कोई नुकसान हुआ है तो जांच करवाकर उनकी हर संभव मदद की जाएगी।