कानपुर की पल्लवी ने खुद को घर से अलग करके बनाया-खाया और अपना सेवा धर्म निभाया

सहकर्मी के कोरोना संक्रमित होने के बाद एएनएम पल्ली खुद क्वारंटाइन हुईं लेकिन स्वास्थ्य सेवा देने के लिए अस्पताल आती रहीं। आज भी घर में सभी से दूरी बनाकर रहतीं हैं ताकि किसी को कोई खतरा नहीं रहे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:45 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:45 AM (IST)
कानपुर की पल्लवी ने खुद को घर से अलग करके बनाया-खाया और अपना सेवा धर्म निभाया
कोरोना रोधी टीकाकरण में जुटी हैं पल्लवी।

कानपुर, [अनुराग मिश्र]। लॉकडाउन के दौरान सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) पल्लवी पांडेय के लिए वो बड़ा मुश्किल वक्त था, जब सहकर्मी लैब टेक्नीशियन गर्भवती ज्योति शंखवार कोरोना संक्रमित हो गई थीं। वह ज्योति को रोजाना स्कूटी से घर छोडऩे जाती थीं। पल्लवी ने घर में खुद को अलग कर खुद बनाया खाया लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद फिर सेवा में जुट गईं और कोरोना रोधी टीकाकरण में जुटी हैैं, हालांकि घर में आज भी सबसे दूरी बनाकर रहना पड़ रहा है।

डी टाइप हेल्थ सेंटर गुजैनी में कार्यरत बर्रा-2 निवासी पल्लवी बताती हैैं कि पूरे लॉकडाउन लगातार लोगों को स्वास्थ्य सेवा देने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। यहां तक कि कंटेनमेंट जोन में जब लोग जाने से डरते थे तो उस वक्त संक्रमित लोगों के पास-पड़ोस में जाकर कांट्रेक्ट ट्रेसिंग कराती थी और अगर कोई संदिग्ध संक्रमित मिलता था तो उसकी जांच भी कराती थी। घर में मां मंजूलता पांडेय, भाई गौरव पांडेय, उसकी पत्नी के साथ छह साल की भतीजी ऋद्धिका व चार साल का भतीजा अनुग्रह है।

उनकी सुरक्षा के लिए घर में सबसे दूरी बनाकर रखी लेकिन लोगों की सेवा में कोई नहीं आने दी। वैक्सीनेशन के दौरान कई बार पोर्टल पर सूचनाएं फीड करते-करते रात के 10 बज जाते थे लेकिन कभी पीछे नहीं हटीं और अगले दिन फिर शिद्दत से फील्ड पर सेवाकार्य में दिखती थीं।

पल्लवी कहती हैैं कि वर्तमान में वैक्सीनेशन का काम चल रहा है तो हर बार किसी को टीका लगाने से पहले खुद को सैनिटाइज करती हूं ताकि मेरी वजह से किसी को खतरा नहीं रहे। उनका कहना है कि कोरोना से हम फिर जंग जीतेंगे बस सबको मास्क लगाकर दूरी बरतते हुए थोड़ी एहतियात बरतनी होगी।

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