फूट पड़ी पिता की वेदना, बोले- हौसला तो रखती, यह एग्जाम भी पास कर लेती बेटा... Kanpur News
भैरोघाट पर जान देने वाली एमबीबीएस छात्रा के शव का किया गया अंतिम संस्कार माता-पिता का करुण क्रंदन सुन छलछलाईं आंखें।
कानपुर, जेएनएन। हौसला तो रखती बिटिया, ये एग्जाम भी पास कर लेती। तुमने फोन किया लेकिन कुछ बताया नहीं। एक बार परेशानी बता देती तो ये दिन न देखना पड़ता...। ये करुण वेदना थी गुरुवार को गंगा बैराज से नदी में कूदकर जान देने वाली एमबीबीएस फाइनल ईयर की छात्रा अमृता सिंह के माता-पिता की। भैरोघाट पर बिटिया के अंतिम संस्कार से पहले उनकी पीड़ा सुन वहां मौजूद लोगों की भी आंखें छलछला आईं।
छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने घाट पर ही शोकसभा में दी श्रद्धांजलि
अमृता के पिता व इटावा के ग्र्रामीण अभियंत्रण विभाग में तैनात मूलरूप से झांसी के केकेपुरी कॉलोनी निवासी अवर अभियंता रामस्नेही वर्मा ने बताया कि गुरुवार दोपहर 12.20 बजे बेटी का फोन आया था। 13 सेकेंड बात हुई। उसने पूछा, कहां हो पापा? मैंने कहा कि साइट पर हूं। उससे हाल पूछा तो बोली ठीक है। फिर शाम को बात करने की कहकर फोन काट दिया। इसी तरह मां को भी फोन किया और पूछने पर बोली कि बाजार आई हूं। सब ठीक बताकर उनसे भी ज्यादा बात नहीं की थी। विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार के बाद मेडिकल कॉलेज के सैकड़ों छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व घर वालों ने शोकसभा कर नम आंखों से उसे श्रद्धांजलि भी दी।
प्रॉब्लम बताती छोड़ कर क्यूं चली गई
साथ पढऩे वाली छात्राएं यही कह रहीं थी कि अपनी प्रॉब्लम तो बताती, छोड़कर क्यों चली गई। सभी के जेहन में छात्रा के सुसाइड नोट में लिखी बातें थीं। रूममेट अनुषी ने बताया कि अमृता पढ़ाई में काफी होशियार थी। पता नहीं उसे क्यों लगता था कि पास नहीं हो पाएगी। अन्य छात्राएं भी कहने लगीं कि अमृता के सभी एग्जाम्स में अच्छे नंबर आए थे। इस बार तो फाइनल ईयर था। अंतिम संस्कार में छात्रा की बहनें आरती व अनामिका नहीं आ सकीं। चाचा रामलखन, चचेरे भाई व अन्य रिश्तेदार रहे।
ये हुई थी घटना
11 फरवरी से शुरू हो रही परीक्षाओं को लेकर छात्रा ने तनाव के चलते गंगा में कूदकर जान दे दी थी। शुक्रवार शाम उसका शव उन्नाव के शुक्लागंज घाट के पास मिला था। उन्नाव में देर रात पोस्टमार्टम कराकर शव कानपुर लाया गया। हॉस्टल में कमरे की तलाशी में छात्रा का लिखा चार पेज का सुसाइड नोट भी मिला था। इसमें उसने तमाम उलझनों, बीमारी व मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या करने की बात लिखी थी।
सैफई मेडिकल कॉलेज में इंटर्न करना चाहती थी
अमृता एमबीबीएस करने के बाद सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में इंटर्नशिप करना चाहती थी। पिता ने बताया कि दो माह पूर्व उसने फोन करके कहा था कि पापा आप सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में बात कर लेना। आपके पास ही रहकर इंटर्न करूंगी और साथ ही पोस्ट ग्र्रेजुएशन की भी तैयारी हो जाएगी। इस पर पिता ने अपने एक साथी से भी चर्चा की थी लेकिन, परीक्षा देने से पूर्व ही अमृता दुनिया छोड़ गई।