गिफ्ट वाउचर से डॉलर को रुपयों में बदलता था जसराज, 12 हजार अमेरिकियों को लगाया करोड़ों का चूना
कानपुर में फर्जी कॉल सेंटर से 12 हजार अमेरिकी नागरिकों को करोड़ों को चूना लगाने वाला जसराज और मोहिंद्र ने कमाई को भारत लाने के लिए गिफ्ट वाउचर का भी इस्तेमाल किया। क्राइम ब्रांच की टीम की जांच में सामने आया सच।
कानपुर, जेएनएन। 12 हजार अमेरिकी नागरिकों को चूना लगाकर फर्जी काल सेंटर से शातिर जसराज और मोहिंदर करोड़ों रुपये कमाए और बड़े ही शातिर ढंग से भारत लाए। आनलाइन ठगी से कमाई दौलत भारत लाने के लिए आरोपित गेटवे के साथ ही गिफ्ट वाउचर का भी प्रयोग किया। क्राइम ब्रांच की जांच में गेटवे के अलावा यह दूसरी व्यवस्था सामने आई है, जिसके माध्यम से अमेरिकन डालर को रुपये में बदला जाता था।
क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया है कि जसराज और मोहिंदर काल सेंटर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों से जो रकम ठगते थे, वह डालर में होती थी। इस पैसे को रुपये में बदलने के लिए ही वह अमेरिकन नागरिक टाड की कंपनी का प्रयोग करते थे, जो कि गेटवे के माध्यम से पैसा भारत भेजता था। इसके एवज में टाड 30 फीसद तक कमीशन लेता था। जब टाड को लेकर अमेरिका में शिकायतें बढ़ीं और उसे लगा कि वह फंस जाएगा तो उसने गेटवे से पैसा भेजना बंद कर दिया। ऐसे में आरोपित जसराज ने एक नया तरीका निकाला। क्राइम ब्रांच के अधिकारी के मुताबिक आरोपितों ने गिफ्ट बाउचर से पैसा लेना शुरू कर दिया था। यह गिफ्ट बाउचर अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि कंपनियों के होते थे। बाद अमेरिका में स्थित अपने एजेंटों के माध्मय से पैसा भारत मंगा लेते थे।
क्रिप्टो करेंसी में नहीं मिला निवेश : क्राइम ब्रांच अधिकारियों ने बताया कि जसराज द्वारा अमेरिका से पैसा भारत लाने के लिए केवल दो तरीके अपनाए गए। एक तरीका गेटवे का माध्यम है, जबकि दूसरा गिफ्ट बाउचर है। अधिकारी के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी में निवेश का कोई मामला अब तक नहीं पकड़ा गया है। जांच में ऐसा कोई लेनदेन भी पकड़ में नहीं आया है।