अमावस्या मेला प्रतिबंधित, सीमाएं सील, उप्र के चित्रकूट में भी बैरियर, श्रद्धालुओं से नहीं आने की अपील

इसलिए अमावस्या पर वहां से श्रद्धालुओं के आने की संभावना नहीं के बराबर है। उप्र के जिलों से ही श्रद्धालु आ सकते हैं लेकिन उन्हें रोका जा रहा है। एसडीएम मझगवां पीएस त्रिपाठी ने बताया कि सभी मंदिर आम लोगों के लिए बंद हैं

By Akash DwivediEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 08:43 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 08:43 PM (IST)
अमावस्या मेला प्रतिबंधित, सीमाएं सील, उप्र के चित्रकूट में भी बैरियर, श्रद्धालुओं से नहीं आने की अपील
अमावस्या मेला के एक दिन पहले धर्मनगरी के यूपीटी-बेड़ीपुलिया मार्ग में पसरा सन्नाटा

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संकट के बीच 11 मई को वैशाखी अमावस्या मेला पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। मध्यप्रदेश क्षेत्र में लॉकडाउन है। कामतानाथ प्रमुख द्वार मंदिर समेत सभी मंदिरों के पट बंद हैं। उप्र क्षेत्र में भी कोरोना कफ्र्यू 17 मई तक बढ़ाने के कारण बैरियर लगाकर पुलिस तैनात कर दी गई है। श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि चित्रकूट नहीं आएं। अपने घरों पर ही रहकर पूजा-अर्चना करें।

मप्र क्षेत्र में लॉकडाउन के कारण वहां कोई घरों से नहीं निकल पा रहा है। इसलिए अमावस्या पर वहां से श्रद्धालुओं के आने की संभावना नहीं के बराबर है। उप्र के जिलों से ही श्रद्धालु आ सकते हैं, लेकिन उन्हें रोका जा रहा है। एसडीएम मझगवां पीएस त्रिपाठी ने बताया कि सभी मंदिर आम लोगों के लिए बंद हैं। परिक्रमा पथ पर भी बैरीकेडिंग कर दी गई है।

वहीं, चित्रकूट के एडीएम जीपी सिंह ने बताया कि अमावस्या पर रामघाट, कामदगिरि परिक्रमा मार्ग, भरतकूप एवं अन्य स्थलों पर संबंधित धार्मिक गतिविधियां व मेला पूर्णतया प्रतिबंधित है। 17 मई सुबह सात बजे तक कोरोना कफ्र्यू लागू रहेगा। आने वाले श्रद्धालुओं को जिले की सीमा से ही लौटाया जा रहा है। कोरोना के बचाव के लिए लोग घरों में ही रहें।  

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