बेहमई कांड में बचाव पक्ष का हाईकोर्ट में अपील का प्रार्थनापत्र निरस्त, मिली अगली तारीख
14 फरवरी 1981 को सिकंदरा थानाक्षेत्र के बेहमई गांव में फूलन देवी मुस्तकीम रामऔतार व लल्लू गैंग में शामिल 35-36 लोगों ने डकैती डाली थी। डकैतों ने 26 पुरुषों को गांव के बाहर ले जाकर अधाधुंध फायङ्क्षरग की थी। इसमें 21 लोगों की मौत हो गई थी।
कानपुर देहात, जेएनएन। बेहमई कांड में बचाव पक्ष के उच्च न्यायालय जाने के प्रार्थनापत्र को विशेष न्यायाधीश एंटी डकैती सुधाकर राय की कोर्ट ने निरस्त कर दिया। अदालत में अभियुक्त पोसा के बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग से दर्ज किए गए, जबकि एक अभियुक्त के न पहुंचने पर हाजिरी माफीनामा दाखिल किया गया। आरोपित विश्वनाथ व श्यामबाबू ही हाजिर हुए। मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 19 अक्टूबर तय की गई है।
14 फरवरी 1981 को सिकंदरा थानाक्षेत्र के बेहमई गांव में फूलन देवी, मुस्तकीम, रामऔतार व लल्लू गैंग में शामिल 35-36 लोगों ने डकैती डाली थी। डकैतों ने 26 पुरुषों को गांव के बाहर ले जाकर अधाधुंध फायङ्क्षरग की थी। इसमें 21 लोगों की मौत हो गई थी। जिला शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल ने बताया कि बचाव पक्ष के वकील गिरीश नारायण द्विवेदी ने उच्च न्यायालय में जल्द मामले के निस्तारण की अपील करने के लिए प्रार्थनापत्र दिया लेकिन न्यायालय ने निरस्त कर दिया।