अखिल भारतीय दंगा पीडि़त राहत कमेटी का ऐलान, दंगाई नहीं पकड़े तो विधानसभा के सामने प्रदर्शन

कानपुर में सिख विरोधी दंगे की जांच ढाई साल से चल रही है और अभी तक एक भी दंगाई को एसआइटी नहीं पकड़ सकी है। अखिल भारतीय दंगा पीडि़त राहत कमेटी के अध्यक्ष ने लखनऊ में विधासभा के बाहर धरना प्रदर्शन करने का अल्टीमेटम दिया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 08:50 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 08:50 AM (IST)
अखिल भारतीय दंगा पीडि़त राहत कमेटी का ऐलान, दंगाई नहीं पकड़े तो विधानसभा के सामने प्रदर्शन
एक माह में नहीं दंगाई पकड़ने का अल्टीमेटम दिया है।

कानपुर, जेएनएन। ढाई साल से सिख विरोधी दंगों की जांच कर रही एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) न किसी दंगाई को जेल भेज सकी और न किसी केस में चार्जशीट दाखिल कर सकी। एसआइटी के एसपी ने 15 अगस्त तक का वक्त मांगा था, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए अब लखनऊ में विधानसभा के सामने मौन प्रदर्शन होगा। अखिल भारतीय दंगा पीडि़त राहत कमेटी के अध्यक्ष कुलदीप सिंह भोगल ने रविवार शाम पत्रकारों से बातचीत में ये चेतावनी दी है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। काफी पैरवी के बाद उप्र सरकार ने एसआइटी गठित की। एसआइटी के विवेचकों संग पंजाब, मध्यप्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों में जाकर पीडि़तों को मिलवाया और गवाही कराई। मुकदमों से जुड़े सुबूत व दस्तावेज उपलब्ध कराए। डेढ़ माह पूर्व एसआइटी के एसपी बालेंदु भूषण से मिले तो उन्होंने 15 अगस्त तक की मोहलत मांगी थी। कहा था कि 12 केस में सुबूत व गवाहों के आधार पर कई मुल्जिमों के नाम सामने आए हैं। चार्जशीट तैयार की जा रही है, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सुप्रीम कोर्ट में भी कोई कागज दाखिल नहीं किया गया। बताया कि लगातार मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव व गृह सचिव से मिलने के लिए वक्त मांग रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने सरकार से मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई की मांग की।

दंगाइयों से दोस्ती निभा रहा दारोगा, सांसद कर रहे पैरवी : कुलदीप सिंह ने कहा कि एसआइटी में शामिल एक दारोगा दंगाइयों से दोस्ती निभा रहा है। एसपी से दारोगा को हटाने की मांग की है। बताया कि प्रदेश के एक सांसद भी कुछ आरोपितों की पैरवी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव से मुलाकात होने पर इनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग करेंगे।

छह केस बंद कर चुकी एसआइटी, 12 में चार्जशीट तैयार : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगे के दौरान 127 सिखों की हत्या हुई थी। तब हत्या, लूट व डकैती जैसे गंभीर अपराधों के 40 मुकदमे लिखे गए थे। इनमें से 29 मामले सुबूत न मिलने पर फाइनल रिपोर्ट लगाकर बंद कर दिए गए थे। एसआइटी ने दस्तावेज मिलने पर 29 में से 20 मुकदमों की अग्रिम विवेचना शुरू की थी। अब 12 केस में चार्जशीट तैयार की गई है। छह मुकदमों की जांच सुबूत व गवाह सामने न आने के कारण बंद की गई है।

-एसआइटी की जांच तेजी से चल रही है। कुछ बिंदुओं पर बाकी काम पूरा कराया जा रहा है। इसके बाद जल्द ही आरोपितों की गिरफ्तारी और चार्जशीट की प्रक्रिया शुरू होगी। दंगा पीडि़त राहत कमेटी के पदाधिकारियों से भी वार्ता की गई थी। उन्हेंं भरोसा दिलाया गया है कि आरोपित बच नहीं पाएंगे। -अतुल कुमार, अध्यक्ष, एसआइटी (सिख विरोधी दंगा)

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