बाजार में क्यों चार गुना बढ़ी एयर प्यूरीफायर की डिमांड, जानें- कैसे करता है ये काम

कानपुर के बाजार में कारोबारियों की मानें तो तीन साल पहले बाजार में आए एयर प्यूरीफायर की मांग पिछले साल तक न के बराबर थी लेकिन इस बार अचानक डिमांड बढ़ गई है। शहर में वायु प्रदूषण भी तेजी से बढ़ा है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 11:56 AM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 11:56 AM (IST)
बाजार में क्यों चार गुना बढ़ी एयर प्यूरीफायर की डिमांड, जानें- कैसे करता है ये काम
कमरे में लगाया गया एयर प्यूरीफायर। प्रतीकात्मक फोटो

कानपुर, जेएनएन। लॉकडाउन में कुछ दिन सुधार के बाद एक बार फिर शहर की आब-ओ-हवा खराब होने लगी है। यूपीपीसीबी की रिपोर्ट में टॉप-10 सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में कानपुर सातवें पायदान पर है। शायद यही वजह है कि अचानक एयर प्यूरीफायर की मांग पिछले वर्ष की अपेक्षा चार गुना तक बढ़ गइ है, शहर का बाजार तो यही गवाही दे रहा है। एयर प्यूरीफायर को लेकर आखिर लोग क्यों संजीदा हो गए हैं, अब शुद्ध हवा की चाह एयर प्यूरीफायर पूरी कर रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक पूरी दुनिया में 10 में से नौ लोग वायु प्रदूषण के बीच जी रहे हैं। सांस के रोगियों के लिए यह स्थिति बहुत खतरनाक हो जाती है। शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है, पीएम 2.5 की मात्रा समेत कई दूषित कण हवा में घुलकर शरीर को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हवा में घुलित ये सूक्ष्म कण सीधे फेफड़ों को प्रभावित कर रहे रहे हैं।

अब यह किसी से छिपा नहीं रह गया है कि कोरोना वायरस सीधे फेफेड़ों पर अटैक करता है और ऐसी स्थिति जानलेवा हो सकती है। ऐसे में प्रदूषण से प्रभावित फेफड़े कहीं न कहीं संक्रमित मरीज के लिए घातक साबित हो सकते हैं। लॉकडाउन के बाद अचानक वायु प्रदूषण बढ़ने पर बाजार में एयर प्यूरीफायर की मांग तेज हो गई है। लोगों ने कमरे की आॅक्सीजन को शुद्ध रखने के लिए खरीदारी शुरू की है।

एयर कंडीश्नर में भी करा रहे इनबिल्ट

विजय नगर में एयर प्यूरीफायर के कारोबारी प्रणव चोपड़ा बताते हैं कि एयर प्यूरीफायर का मार्केट दो वर्ष पहले का है, पिछले वर्ष मांग थोड़ी बढ़ी थी। तब से पूूरे सीजन में बमुश्किल 25 की मांग थी लेकिन अब अचानक इसमें चार गुना तक डिमांड बढ़ गई है। कई कंपनी के एयर प्यूरीफायर बाजार में आ गए हैं। इसकी कीमत आठ हजार रुपये से 25 हजार रुपये के बीच है। इसे एयर कंडीशनर में भी इनबिल्ट करके लगाया जा रहा है।

गोविंद नगर के कारोबारी गोविंदा गुप्ता के मुताबिक पिछले वर्ष इनकी मांग उतनी नहीं थी लेकिन इस वर्ष मांग बढ़ी है और लोग कार में भी एयर प्यूरीफायर लगवा रहे हैं। कारोबारियों के मुताबिक एयर प्यूरीफायर लगाने से पहले यह ध्यान दें कि वह मल्टी स्टेज फिल्ट्रेशन सिस्टम पर काम कर रहा है या नहीं। इससे हवा में मौजूद प्रदूषित कणों को 99.97 फीसद तक फिल्टर किया जा सकता है। खासतौर पर माइक्रो पार्टिकल्स पीएम 2.5 और पीएम 10 बिना मल्टी फिल्ट्रेशन वाले एयर प्यूरीफायर के फिल्टर नहीं हो पाते।

क्या होता है एयर प्यूरीफायर

हवा से सूक्ष्म प्रदूषित कणों को दूर करने वाले फिल्टर्स का सेट एयर प्यूरीफायर होता है। किसी कमरे में लगा एयर प्यूरीफायर पंद्रह से तीस मिनट में अंदर की हवा को साफ करता है। इसमें चार तरह के फिल्टर में हेपा फिल्टर, कार्बन फिल्टर, इओनिक जनरेटर और अल्ट्रा वॉइलेट रेडिएशन (यूवी) आधारित होते हैं। तकरीबन एक माह बाद एयर प्यूरीफायर चलने पर फिल्टर में फंसी गंदगी को देखकर प्रदूषित हवा का अंदाजा लगा सकते हैं। हवा की यह वह गंदगी होती है जो सांस के साथ फेफड़ों तक जाकर जम जाती है।

हेपा फिल्टर या एक्टिवेटिड कार्बन फिल्टर : हवा के सूक्ष्म कणों के साथ-साथ दुर्गंध को भी खत्म करता है। यह एक तरह मेकैनिकल फिल्टर होता है, जो हवा के दूषित तत्वों को खींचकर साफ करता है। यह फिल्टर 99.97 प्रतिशत डस्ट पर पकड़ रखता है और धूल का 0.3 माइक्रोन का कण होता है। इसके अलावा वायरस और बैक्टीरिया को दूर करता है।

इओनिक फिल्टर : यह हवा को साफ करने की तकनीक से लैस होता है। वायु में घुलित दूषित तत्व इसके इलैक्ट्रिकल सरफेस पर आते ही खत्म हो जाते हैं। इसमें 0.01 माइक्रोन आकार वाले कण भी खत्म होते हैं।

एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर : इसे चारकोल फिल्टर भी कहते हैं। इयमें ऐसे एक्टिवेटेड कार्बन का प्रयोग होता है जो बड़ी संख्या में दूषित तत्वों को अवशोषित कर लेता है। इससे हानिकारक गैस और केमिकल आदि खत्म हो जाते हैं। इसे जल्द ही बदला जाता है।

यूवी लाइट फिल्टर : यह फिल्टर न दिखने वाला प्रकाश यानि अल्ट्रा वायलेट किरणें छोड़ता है, जो बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करती हैं।

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