Ahoi Ashtami Vrat 2021: अहोई अष्टमी कल, जानिए - इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन की विधि

Ahoi Ashtami Vrat 2021 पद्मेश इंस्टीट्यूट आफ वैदिक साइंसेज के संस्थापक अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश ने बताया कि कार्तिक मास के पर्व को मानव जीवन में शुचिता स्नान व व्रत के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इसमें सूर्य के दक्षिणायण होने के कारण ऋणात्मक ऊर्जा अधिक प्रभावी होती है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 04:11 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 04:11 PM (IST)
Ahoi Ashtami Vrat 2021: अहोई अष्टमी कल, जानिए - इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन की विधि
Ahoi Ashtami Vrat 2021 अहोई अष्टमी की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। Ahoi Ashtami Vrat 2021 संतान की दीर्घायु कामना और मां बेटे के मधुर रिश्तों के लिए माताओं द्वारा अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है। जो 28 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि योग व पुर्नवसु नक्षत्र में मनाया जाएगा। इस दिन माताएं अहोई माता का व्रत पूजन कर संतान की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और रात में तारों को जल अर्पित करने के बाद व्रत खोलती हैं। 

पद्मेश इंस्टीट्यूट आफ वैदिक साइंसेज के संस्थापक अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश ने बताया कि कार्तिक मास के पर्व को मानव जीवन में शुचिता, स्नान व व्रत के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इसमें सूर्य के दक्षिणायण होने के कारण ऋणात्मक ऊर्जा अधिक प्रभावी होती है। उसको प्रभावहीन करने के लिए उपासना और व्रत विशेष रूप से फलदायी होता है। अहोई अष्टमी के व्रत में माताओं को भगवान शिव व माता पार्वती का स्मरण पूजन करना शुभकारी होता है। अहोई अष्टमी के पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग तथा सुबह 9.41 से अमृत योग की भी शुरुआत हो रही है। जिससे व्रत का महत्व और भी बढ़ जाएगा। 

अहोई अष्टमी का महत्व: अहोई अष्टमी का व्रत संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है मान्यता ये भी है कि इस दिन व्रत रखने से अहोई माता प्रसन्न होती हैं और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। यह व्रत आयुकारक और सौभाग्यकारक होता है। इस दिन सभी माताएं ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करके व्रत रखने प्रतिज्ञा करती हैं। यह व्रत अहोई माता की तस्वीर दीवार या कागज पर बनाकर साथ में सेह और सात पुत्रों का चित्र बनाकर की जाती है। इसके बाद अहोई माता के चित्र के सामने जल से भरा कलश रखकर भोग लगाया जाता है। इसके बाद अहोई माता की कथा सुनकर शाम को तारों को देखकर व्रत खोलने का विधान है।

अहोई अष्टमी व्रत का मुहूर्त: अहोई अष्टमी का व्रत 28 अक्टूबर, गुरुवार को रखा जाएगा। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.39 बजे सेे 6.56 बजे तक रहेगा। अहोई अष्टमी व्रत के शुभ मुहूर्त की अवधि एक घंटा 17 मिनट रहेगी। 

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