बांदा में फीस नहीं भर पाया तो कृषि स्नातक के छात्र ने लगाई फांसी, बोले पिता, नहीं जुट रहा था पढ़ाई का पैसा, किसान सम्मान निधि भी गई बैंक ऋण में
आवाज देने पर कोई जवाब नहीं मिलने पर पिता ने पड़ोसियों को आवाज की। सीढ़ी लगाकर छत पर चढ़े और अंदर कूदकर देखा तो बेटा फंदे से लटका था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरू की है।
बांदा, जेएनएन। आर्थिक तंगी के चलते फीस नहीं भर पाने से निराश कृषि स्नातक के छात्र ने मौत चुन ली। भदेहदू गांव में गुरुवार शाम फांसी पर लटका उसका शव मिला। बेटे की मौत के बाद पिता व स्वजन बदहवास हो गए। पिता का कहना है कि आर्थिक तंगी की वजह से वह फीस नहीं भर पा रहे थे। किसान सम्मान निधि का पैसा भी बैंक का ऋण अदा करने में चला गया। बेटा कई दिनों से इसी तनाव में गुजर रहा था। पुलिस ने कागजी कार्रवाई की।
ग्राम भदेहदू निवासी बसंत लाल पटेल का 23 वर्षीय बेटा आशुतोष बांदा कृषि विश्वविद्यालय में बीएससी कृषि फाइनल का छात्र था। देर शाम कमरा बंद कर लिया और लकड़ी की धन्नी से रस्सी का फंदा बना लटक गया। देर शाम स्वजन खेत से आए तो उसे आवाज दी। कोई जवाब नहीं मिलने पर पिता ने पड़ोसियों को आवाज की। सीढ़ी लगाकर छत पर चढ़े और अंदर कूदकर देखा तो बेटा फंदे से लटका था। आननफानन नीचे उतारा, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
खाते से शाखा प्रबंधक ने पैसा निकाल जमा कर लिया था ऋण में
बसंत लाल का आरोप है कि किसान सम्मान निधि का जो पैसा आया था, उसे आर्यावर्त बैंक के शाखा प्रबंधक ने मेरे खाता से निकालकर किसान क्रेडिट कार्ड खाता डालकर ऋण की अदायगी कर दी थी। इससे वह बेटे की फीस जमा नहीं कर पाया था। 16 बीघा खेती जरूर है, पर इतनी पैदावार नहीं कि आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके। वह दो भाई और दो बहनों में सबसे बड़ा था।
बोले शाखा प्रबंधक
आर्यावर्त बैंक के प्रबंधक बीके शर्मा का कहना है कि सम्मान निधि का पैसा निकाल कर उनके कर्ज के खाते पर नहीं डाला गया है।
बोले कोतवाल
प्रारंभिक जांच पड़ताल में आर्थिक तंगी के चलते तनाव में रहने की बात सामने आई है। स्वजन का कहना है कि इसी वजह से वह तनाव में रहता था और आत्मघाती कदम उठा लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हर बिंदु पर जांच की जा रही है।