चौबेपुर हत्याकांड: बवाल के बाद शासन ने की कार्रवाई, एसपी कानपुर आउटर को हटाया, अजीत सिन्हा को मिला चार्ज

पनऊपुरवा गांव में पंचायत चुनाव की रंजिश में हुई हत्या और बवाल के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई थी। पुलिस कर्मियों का बचाव कर रहे एसपी कानपुर आउटर अष्टभुजा प्रसाद खुद ही कार्रवाई की जद में आ गए शासन ने गुरुवार की सुबह उन्हें मुख्यालय अटैच कर दिया।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 01:22 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 06:02 PM (IST)
चौबेपुर हत्याकांड: बवाल के बाद शासन ने की कार्रवाई, एसपी कानपुर आउटर को हटाया, अजीत सिन्हा को मिला चार्ज
आउटर जोन में लगातार हो रहे अपराध के बाद हुई कार्रवाई।

कानपुर, जागरण संवाददाता। चौबेपुर के गांव पनऊ पुरवा में बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में पुलिस कर्मियों का बचाव कर रहे एसपी कानपुर आउटर अष्टभुजा प्रसाद खुद ही कार्रवाई की जद में आ गए शासन ने गुरुवार की सुबह उन्हें मुख्यालय अटैच कर दिया उनके स्थान पर अजीत सिन्हा को कानपुर आउटर का नया एसपी बनाया गया है माना जा रहा है कि शासन इस घटना को लेकर बेहद गंभीर है और आने वाले दिनों में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शासन की ओर से भी की जा सकती है

पनऊ पुरवा में सोमवार की रात दो पक्षों में मारपीट हुई थी जिसमें दबंग पक्ष ने एक बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी इस मामले में चौबेपुर पुलिस के दो दरोगा और दो सिपाहियों समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत और पुलिस की मौजूदगी में दबंगों ने हत्याकांड को अंजाम दिया इस प्रकरण में स्थानीय विधायक भगवती सागर से भी पुलिस की तीखी नोकझोंक हुई थी पुलिस अधीक्षक अष्टभुजा प्रसाद इस मामले में पुलिस कर्मियों को पाक साफ बता रहे थे हालांकि जब विधायक ने नाराजगी जाहिर की तो उन्होंने चारों आरोपी पुलिसकर्मियों को केवल लाइन हाजिर किया इस घटनाक्रम से पूरे क्षेत्र में पुलिस के खिलाफ गुस्से का माहौल बना हुआ था गुरुवार की सुबह शासन ने एसपी अष्टभुजा प्रसाद को मुख्यालय अटैच कर दिया गौरतलब है कि कमिश्नरेट लागू होने के बाद अस्तित्व में आए कानपुर आउटर जून में पिछले 7 महीनों में अपराध में बेतहाशा वृद्धि हुई है दर्जनों की संख्या में हत्या के मामले हुए लूटपाट मारपीट और बलवा की घटनाएं भी बढ़ी हैं कई बार पुलिस को शर्मिंदा करने वाली घटनाएं सामने आई बावजूद इसके अष्टभुजा प्रसाद दोषी पुलिसकर्मियों को हर बार बचाते ही नजर आए इसे लेकर तमाम तरह के आरोप प्रत्यारोप भी उन पर लग रहे थे।

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