कंपनी बनने के बाद कर्मचारियों को मिलेगा हुनर का लाभ
कैबिनेट की मुहर के बाद देश की 41 रक्षा प्रतिष्ठानों को सात कंपनियों में बाटने का मामला।
जेएनएन, कानपुर: कैबिनेट की मुहर के बाद देश की 41 रक्षा प्रतिष्ठानों को सात कंपनियों में बांटे जाने की तैयारी शुरू हो गई है। कंपनी बनने के बाद काम करने के तरीकों में बड़ा बदलाव आ सकता है। छोटे व बड़े हथियार, जूते, कपड़े समेत अन्य सैन्य उपकरणों को उत्पादों के अनुसार अलग-अलग कंपनियों में बांटा जाएगा। सरकार जिस योजना के तहत कार्य कर रही है उसके अनुसार एक तरह के उत्पाद बनाने वाली विभिन्न आयुध निर्माणी की कंपनी में मर्ज हो जाएंगी। इससे उनमें कार्य करने वाले कर्मचारियों का स्थानांतरण एक निश्चित कंपनी अथवा कॉरपोरेशन में किया जा सकता है। जिससे उन्हें अपने हुनर का भरपूर लाभ मिल सकता है।
जिस कार्य में कर्मचारियों का हुनर सबसे बेहतरीन होगा उन्हें उत्पाद बनाने के लिए उस कॉरपोरेट से संबंधित दूसरी यूनिट में स्थानांतरित किया जा सकता है। उनकी परफार्मेस को देखते हुए उन्हें पदोन्नति भी दी जा सकती है। हालांकि कंपनियों की कार्यप्रणाली व कर्मचारियों को दिए जाने वाली सुविधाओं समेत अन्य चीजों को लेकर नियमावली बनना शेष है लेकिन आयुध निर्माणी को कंपनी में मर्ज किए जाने का जो स्वरूप तैयार किया जा रहा है वह इसी ओर इशारा करता है। कंपनियों में बांटने के बाद सैन्य उपकरण की गुणवत्ता को और बेहतरीन बनाए जाने की सरकार की योजना है जिससे विश्वस्तरीय उत्पाद तैयार किए जा सकें। इन कंपनियों में ऐसे उत्पाद तैयार कराए जाने की योजना है जिससे निर्यात की राह भी खुल सके।
प्राइवेट हाथों में सौंपने की मंशा
ऑल इंडिया डिफेंस एंप्लाइज फेडरेशन संयुक्त सचिव रवींद्र रेड्डी ने बताया कि अभी सभी 41 आयुध निर्माणी फैक्ट्रियां छोटे बड़े सैन्य उपकरण बनाने के लिए एक दूसरे पर निर्भर हैं। सभी फैक्ट्रियों के बीच समन्वय है। कंपनी बनने के बाद समन्वयक का स्वरूप क्या होगा पता नहीं है। सरकार ने अभी नीतियों को स्पष्ट नहीं किया है। जिस प्रकार कंपनी बनाए जाने का निर्णय लिया गया है उसे देखते हुए सरकार की मंशा रक्षा प्रतिष्ठानों को प्राइवेट के हाथ सौंपने की नजर आ रही है। कंपनियां बनने के बाद मैनपावर स्ट्रक्चर फिक्स हो जाएगा।
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रक्षा प्रतिष्ठानों को कंपनी बनाने पर कॉरपोरेशन का पुतला फूंका
कानपुर: रक्षा प्रतिष्ठानों को कंपनी बनाने के फैसले के खिलाफ कर्मचारी अब सड़क पर उतर आए हैं। शनिवार को शहर में स्थित पांच रक्षा प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों ने एकजुट होकर कॉरपोरेशन का पुतला फूंककर अपना रोष जताया। सभी ऑर्डनेंस फैक्ट्री के मुख्य द्वार पर केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीति के विरोध में कारपोरेशन का पुतला फूंककर इसके विरोध में नारे लगाकर काले झंडे दिखाए। कर्मचारियों ने कहा कि अब यह आंदोलन नहीं रुकेगा। सरकार को निर्णय वापस लेना होगा। इस मौके पर भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ, एंप्लाइज यूनियन, इंटक व एनजीओ एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रदर्शन किया। इस मौके पर भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री मुकेश सिंह के अलावा मदन खरे, केके तिवारी, विशाल बाजपेई ने अपने विचार व्यक्त किए। प्रदर्शन के दौरान फील्ड गन फैक्ट्री मे संतोष मिश्रा, अभिषेक कुमार, सौरभ सिंह ने संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पुतला फूंक कर रोष व्यक्त किया जबकि आयुध निर्माणी कानपुर में विनोद तिवारी, वेदव्यास, मणि त्रिपाठी, अजय पाल व दीपक उपाध्याय ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाकर पुतला दहन किया।