तूल पकड़ रहा कानपुर कचहरी में फायिरंग का मामला, अब वकीलों के दूसरे पक्ष ने लिखाया डकैती का मुकदमा
कानपुर की कचहरी परिसर में वकीलों के दो पक्षों के बीच हुई फायिरंग का मामला बढ़ता जा रहा है। अब दूसरे पक्ष ने धर्मू समेत छह अधिवक्ता नामजद करते हुए 20-25 अज्ञात के खिलाफ बंदूक लूटने और गोलीबारी करने का आरोप लगाया है।
कानपुर, जेएनएन। कचहरी में सोमवार शाम हुई गोलीबारी के मामले में मंगलवार को दूसरे पक्ष की ओर से भी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। इसमें छह अधिवक्ताओं को नामजद व 20-25 अज्ञात को आरोपित बनाया गया है।
एक जमीन को लेकर अधिवक्ता एचपी सिंह और धमेंद्र यादव उर्फ धर्मू के बीच विवाद चल रहा है। सोमवार को इस प्रकरण में पंचायत के दौरान दोनों ओर से फायरिंग की गई थी। सोमवार को ही धर्मू पक्ष ने एचपी सिंह को नामजद करते हुए 4-5 अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास, बलवा और सेवन सीएलए (दहशत फैलाना) में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इंस्पेक्टर कोतवाली रण बहादुर सिंह ने बताया कि मंगलवार को एचपी सिंह के पक्ष से मंगलाविहार निवासी विमल सिंह चौहान की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया।
इसमें दूसरे पक्ष के धमेंद्र यादव, रंजय सिंह, कृष्णानंद झा, सुनील पांडेय, आशुतोष कटियार और गोपाल शरण चौहान को नामजद किया गया है। 20-25 अज्ञात हमलावरों को भी आरोपित बनाया गया है। आरोप है कि आरोपितों ने ग्राम सतबरी में अधिवक्ता सुंदर लाल यादव की 500 गज जमीन कब्जा ली है, जिसकी शिकायत डीआइजी व डीएम से की गई है। इस मामले में प्रशासनिक कार्यवाही चल रही है, जिसमें वह और अधिवक्ता एचपी सिंह पैरवी कर रहे हैं।
इसी नाराजगी की वजह से धमेंद्र यादव के पक्ष ने उन लोगों पर हमला किया और एचपी सिंह के भाई की दोनाली बंदूक भी छीन ली। पुलिस ने इस तहरीर पर भी डकैती, हत्या के प्रयास, बलवा और सेवन सीएलए में मुकदमा दर्ज किया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी।
पुलिस के पास बढ़ रहे जमीन संबंधी विवाद
जमीन संबंधी विवादों में वकीलों का हस्तक्षेप नया नहीं है। पुलिस कार्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो साल दर साल जमीन संबंधी विवाद के मामले कानपुर में बढ़ रहे हैं। पिछले साल की गई 15 हजार शिकायतों में 35 फीसद से ज्यादा मामले जमीन संबंधी विवाद के थे। खास बात यह है कि इन प्रकरणों में वकीलों का नाम भी बढ़चढ़ कर सामने आ रहा है। वकीलों का जमीन संबंधी विवादों में शामिल होने से पुलिस अधिकारी भी चिंता में हैं। डीआइजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से इस प्रकरण में बातचीत की जाएगी।