जानिए - कानपुर में मेगा क्लस्टर टेक्सटाइल पार्क बनने के क्या हैं फायदे और क्या है उद्यमियों की राय
सिलाई कटाई बुनाई व रंगाई की यूनिटें स्थापित होंगी गुजरात व पंजाब की बजाय यहीं करेंगे काम। वस्त्र उद्योग में अलग-अलग तरह का काम करने वाले उद्यमी व कामगार एक छत के नीचे आ जाएंगे। सिलाई व कटिंग समेत वस्त्र उद्योग से जुड़े सभी उद्योग एक जगह स्थापित हो सकेंगे।
कानपुर, जेएनएन। शहर में मेगा क्लस्टर टेक्सटाइल पार्क बनने से डेढ़ से दो लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा। आधुनिक तकनीकी व नई मशीनरी का लाभ इस उद्योग को मिलने से कानपुर वस्त्र उद्योग का दुनिया भर में कोई मुकाबला नहीं होगा। शहर के लिए ये मील का पत्थर साबित होगा।
उद्यमियों का कहना है कि अब सरकार का साथ मिला है तो एक जिला एक उत्पाद के तहत आने वाले यह उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाएंगे। कभी यहां पर वस्त्र उद्योग का बड़ा कारोबार हुआ करता था जो धीरे-धीरे उद्यम बंद होने के साथ कम होता चला गया। टेक्सटाइल क्लस्टर स्थापित होने से न केवल शहर के युवाओं की नौकरी की राह आसान होगी बल्कि दूसरे प्रदेशों से लौटकर आने वाले प्रवासी कामगारों को भी रोजगार मिलेगा।
ये कहते हैं उद्यमी
सिलाई, निटिंग व कटिंग समेत वस्त्र उद्योग से जुड़े सभी उद्योग एक जगह स्थापित हो सकेंगे। इससे व्यवसाय तो बढ़ेगा ही। प्रदूषण की समस्या भी खत्म हो जाएगी, क्योंकि इसके लिए योजना के तहत पावरफुल कॉमन इंफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा। - जय प्रकाश कुशवाहा, महासचिव उत्तर प्रदेश डाइंग एंड ब्लीचिंग एसोसिएशन आधुनिक मशीनों की जरूरत पूरी होगी। उद्योग स्थापित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा एक ही जगह अलग-अलग तरह का काम होने से ऑर्डर मिलने में भी आसानी होगी। इससे कोरोना काल में लगी आर्थिक चोट से राहत मिलेगी। - विकास अग्रवाल, टेक्सटाइल उद्यमी शहर में क्लस्टर पार्क आने से आसपास के 25 से 30 जिलों में रहने वाले युवाओं को इसका लाभ मिलेगा। गुजरात, लुधियाना व चंडीगढ़ समेत अन्य प्रदेशों में जाने वाले युवा अपने गृहजनपद में नौकरी कर सकेंगे। कपड़ा उद्योग कारीगरों के लिए यह टेक्सटाइल पार्क वरदान होगा। - प्रवीण सुराना, टेक्सटाइल उद्यमी व रूमा चैप्टर के अध्यक्ष लघु उद्योग भारतीयह भी पढ़ें: कानपुर में फिर दौड़ेगा वस्त्र उद्योग का पहिया, लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार, जानिए - कैसे होगा संभव
संक्षेप में जानें कानपुर की टेक्सटाइल इंडस्ट्री शहर में करीब टेक्सटाइल व होजरी की 1500 औद्योगिक इकाइयां संचालित हैं निटिंग की 70, प्रोसेसिंग की 70 व कटिंग की 500 व सिलाई की 1100 छोटी यूनिटें हैं 1500 से दो हजार करोड़ रुपये का है शहर में वस्त्रोद्योग का सालाना कारोबार मेगा क्लस्टर से नई इकाइयां लगने के साथ पुरानी इकाइयां एक जगह अपनी जरूरतों का उत्पाद प्राप्त कर सकेंगी