उधार की अपेक्षा अग्रिम भुगतान गर्म कपड़ों के व्यापार को कर सकता है ठंडा
अमृतसर लुधियाना पानीपत के कारोबारियों ने उधार देने से किया मना वाट््सएप पर बिल भेजते हैं भुगतान करने के बाद ही वहां बनती है बिल्टी निर्माताओं ने कहा कि पहले भुगतान करो तब कपड़े भेजे जाएंगे कारोबारियों ने कहा उधार दे दिया तो स्टाफ का वेतन तक नहीं दे पाएंगे।
कानपुर, जेएनएन। नवरात्र के तीसरे-चौथे दिन से ही हल्की ठंड के अहसास होने लगा था। मौसम के बदले मिजाज को देखकर गर्म कपड़ों के कारोबारी दुकान में स्टॉक जमा करना भी शुरू कर देते हैैं। हालांकि सामान्य तौर पर इनकी बिक्री दीपावली के बाद ही शुरू होती है, लेकिन इस साल अमृतसर, लुधियाना, पानीपत के कारोबारियों ने उधार पर माल देने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने साफ कह दिया है कि पहले भुगतान करो तब गर्म कपड़े भेजे जाएंगे।
लॉकडाउन के कारण बदला व्यापार का स्वरूप
कानपुर के थोक बाजार में करीब पांच सौ कारोबारी सीजन में गर्म कपड़ों का भी कारोबार करते हैं। यहां सर्दी में मेंस सूट के अलावा कंबल, लोई, शॉल, लेडीज गर्म सूट, कॉस्टवूल आदि की खूब बिक्री होती है। अभी तक माल मंगाने के लिए इन शहरों के कारोबारी अपनी तरफ से और भी वैरायटी ले जाने का आग्रह करते थे। यह स्थिति तब थी जब माल उधार आता था, लेकिन इस बार स्थितियां बदली हुई हैं। या यूं कहें कि लॉकडाउन और कोरोना संकट ने स्थितियां बदल कर रख दी हैं। शहर के कारोबारियों ने जब माल के लिए ऑर्डर किया तो वहां से बिल बनाकर उनके वाट्सएप पर भेज दिया गया और भुगतान करने के लिए कहा गया। उन्हेंं उधारी की बात याद दिलाई तो वहां के कारोबारियों ने साफ कह दिया कि सीजन का काम है। अगर उधार दे दिया तो स्टाफ का वेतन तक नहीं दे पाएंगे।
व्यापारियों का ये है कहना
माल भेजने से पहले भुगतान की वजह से कारोबारी अब उतना ही माल मंगा रहे हैं, जितना वह बेचने की उम्मीद कर रहे हैं। - श्रीकृष्ण गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष, कानपुर कपड़ा कमेटी। इस वर्ष माल की वैराइटी सीमित रहेगी। सर्दी ज्यादा पडऩे पर माल कम पडऩे की आशंका है। इससे कीमतें भी बढ़ सकती है। - शेष नारायण त्रिवेदी, अध्यक्ष, नौघड़ा कपड़ा कमेटी।