शादी अनुदान और पारिवारिक योजना में फर्जीवाड़े की जांच करेंगे एडीएम, जिलाधिकारी ने मांगी रिपोर्ट

कानपुर महानगर में शादी अनुदार और पारिवारिक लाभ योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है । डीएम के निर्देश पर शुरू हुई जांच में अब लेखपाल तहसीलदार और एसडीएम पर भी शिकंजा कस सकता है ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 11:58 AM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 11:58 AM (IST)
शादी अनुदान और पारिवारिक योजना में फर्जीवाड़े की जांच करेंगे एडीएम, जिलाधिकारी ने मांगी रिपोर्ट
कानपुर में शादी अनुदान में अपात्रों का चयन किया गया है।

कानपुर, जेएनएन। शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में फर्जीवाड़े की अब विस्तृत जांच की जाएगी। जिलाधिकारी ने सदर तहसील के दो साल और अन्य तहसीलों के एक साल के आवेदन पत्रों की जांच के आदेश दिए हैैं। इस जांच में लेखपालों के साथ ही एसडीएम और तहसीलदार भी फंसेंगे। एसडीएम के डिजिटल हस्ताक्षर से ही आवेदन पत्र समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के पास जाते हैं। इसके बाद अनुदान मिलता है। इसी तरह पारिवारिक लाभ योजना के पात्रों के आवेदन पत्र पर तहसीलदार और एसडीएम के हस्ताक्षर होते हैं, लेकिन सदर तहसील में सिर्फ तहसीलदार के हो रहे थे। यही वजह है कि फार्म वापस कर दिए गए।

पारिवारिक लाभ योजना में बड़े पैमाने में गड़बड़ झाले की खबर दैनिक जागरण में छपी थी, जबकि शादी अनुदान से जुड़ी खबर लगातार प्रकाशित हो रही है। जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने इन खबरों का संज्ञान लिया और अब मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए। उन्होंने एडीएम आपूर्ति डॉ. बसंत अग्रवाल को जांच अधिकारी बनाया है। अब एडीएम आपूर्ति जिला स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से आवेदन पत्रों की जांच कराएंगे। फिलहाल समाज कल्याण विभाग ने शादी अनुदान के कुछ आवेदन पत्रों का अपने स्तर से जांच कराया है। जांच में तमाम आवेदकों के पते नहीं मिले हैं। जाहिर सी बात है कि ऐसे आवेदन पत्र आपात्र ही माने जाएंगे। प्रत्येक आवेदन पत्र की जांच की जिम्मेदारी एडीएम आपूर्ति को सौंप दी है। अब वे सत्यापन कराकर रिपोर्ट देंगे और जो भी दोषी होंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। -आलोक तिवारी, डीएम

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